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मीटू अभियान से डरे हुए हैं मोदी के मंत्री, अकबर के बाद एक और आरोप बिगाड़ सकता है चुनावी खेल
यूसुफ़ अंसारी
मी टू अभियान के तहत 20 महिला पत्रकारों के गंभीर आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफे को बाद पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्री डरे हुए है. अगर एक और मंत्री पर ऐसे आरोप लगते हैं तो मोदी सरकार पर बहुत भारी पड़ सकते हैं. एमजे अकबर प्रकरण ने मोदी सरकार की साख़ पर ऐसा बट्टा लगाया है जिसकी जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है. एमजे अकबर पर लगे गंभीर आरोपों के बाद उनसे इस्तीफा लेने में की गई देरी से प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की छवि खराब हुई है और इससे उनकी सरकार की अच्छी खासी फजीहत हुई है. मोदी के मंत्री ही अब कह रहे हैं कि सरकार को मीटू अभियान को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
एमजे अकबर के इस्तीफे से एक तरफ जहां मोदी सरकार में विपक्ष के दबाव में इस्तीफे नही होने का रिकॉर्ड ही टूटा है वहीं इससे मोदी सरकार का घमंड भी तोड़ टूट गया है. तीन साल पहले पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने डंके की चोट पर कहा था कि एनडीए सरकार है यूपीए सरकार नहीं. इसमें इस्तीफे नहीं होते. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर ललित मोदी को विदेश जाने में मदद करने के आरोप में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे का दबाव बनाया था. उस वक्त मोदी विपक्ष के दबाव में नहीं आए. एमजे अकबर के मामले में मोदी सरकार को महिला पत्रकारों और विपक्षी दलों के दबाव के आगे आखिरकार घुटने टेकने पड़े. देर से ही सही उन्हें अपने विदेश राज्य मंत्री की बलि लेनी पड़ी.
भारत में मी टू अभियान ने पहले बॉलीवुड में तहलका मचाया. कई बड़ी हस्तियां बेनक़ाब हुई. कई लोग कानूनी शिकंजे मे फसे हैं. अब यह अभियान राष्ट्रीय राजनीति और मीडिया जगत में अपना असर दिखा रहा है. इसकी चपेट में आकर मोदी सरकार ने जहां अपना विदेश राज्यमंत्री खोया है वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने छात्र इकाई एनएसयूआई के अध्यक्ष फिरोज खान की भी बलि ली है. इन दोनों के अपने-अपने पद से इस्रातीफौों के बाद जनीतिक गलियारों में सन्नाटा है. हर मंत्री चरा हुआ है. हर नेता डरा हुआ है. सब को डर है कि पता नहीं कब कौन महिला उन पर अपने साथ किए ग़लत व्यवहार का आरोप लगाकर उसे बदनाम कर दे. आरोप भले ही झूठे हों. फिलहाल दामन पर दाग़ तो लग ही जाएंगे.
एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार के मंत्री सबसे ज़्यादा डरे हुए हैं. कई मंत्रियों पर पहले भी उंगलियां उठती रही हैं. इस वक्त माहौल महिलाओं के साथ है. कई मीडिया संस्थानों में बड़े पत्रकारो के खिलाफ जांच चल रही है. बीजेपी सांसद उदित राज ने जब यह कह कर एमजे अकबर का बचाव किया कि इस तरह के आरोपों के लिए कोई समय सीमा तय होनी चाहिए तो उन्हें ज़बरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा. महिलाओं के मुखर होने और उन्हें समाज की तरफ से मिल रहे भारी समर्थन का नतीजा है कि आज एमजे अकबर अपनी लड़ाई लड़ने को मजबूर है. जन दबाव किसी को भी उनके साथ खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटाने दे रहा. इस मुद्दे पर महिला एकता लगातार मज़बूत हो रही है.
बहरहाल एम जे अकबर के इस्तीफे ने मोदी मंत्रिमंडल और बीजेपी दोनों में बेचैनी बढ़ा दी है. तमाम मंत्री और नेता बेहद डरे हुए हैं. बीजेपी के कई नेता पहले से ही बदनाम हैं. बीजेपी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन के भाई पर एक फिल्म अभिनेत्री गंभीर आरोप लगा चुकी है. इस पर पहले काफी बवाल मच चुका है. अगर यह मामला अब दोबारा उठता है तो इससे शाहनवाज़ हुसैन को परेशानी हो सकती है. अकबर के इस्तीफे के बाद कुछ लोग इस मामले में शाहनावज़ हुसैन को भी घसाीट रहे हैं. शाहनवाज़ हुसैन िस बारे मं लगातार सफाई दे रहे हैं कि महिला का उनसे भाई से कुछ विवाद है. इसी विवाद के चलते वो महिला उनके भाई के साथ उनका नाम भी घसीट रही है.
अब अगर किसी एक मंत्री या बीजेपी नेता पर आरोप लगता है तो कोई उसके बचाव में नहीं आएगा. इससे मोदी सरकार और बीजेपी दोनों की फजीहत होगी. इससे पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. मोदी महिलाओं को सम्मान दिलाने का वादा करके सत्ता में आए हैं. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में महिला सुरक्षा की हालत बद से बदतर हुई है. बीजेपी के कई विधायकों पर बलात्कार के आरोप लगे हैं. यूपी में बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर जेल में हैं. कई राज्यों में पार्टी नेताओंं पर महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप भी लगे हैं. अब एक और ऐसा आरोप मोदी के् दोबारा सत्ता में आने के रास्ते की रुकावट बन सकता है.