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पाकिस्तानी फौज के भारतीय सैनिकों तड़पा-तड़पा कर मारने और उसके शव के साथ छेड़छाड़ करने की खबरें से देश भर में गसुसा है। पाकिस्तान को लेना सरकार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने हैं। लोग पूछ रहे हैं कि एक बदले दस सिर का दावा करने की सरकार की सरकार पाकिस्तानी सेना इतनी जुर्रत क्यों और कैसे कर पा रही है। इस बीच ख़री आई है कि मोदी सरकार दो साल पहले पाकिस्तान की सरहद में किए गए भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी संलगिरह को शौर्य दिवस के रूप में मनाएगी।
सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगांठ की पूर्व संध्या पर 28 सितंबर को जोधपुर में सशस्त्र सेनाओं के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन हो रहा है। इस सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों को संबोधित किया गया। इस मौके पर पीएम मोदी तीनों सेनाओं के अध्यक्षों से भी मिलेंगे और बीजेपी इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के सैनिकों का सम्मान करेगी। मोदी सरकार और बीजेपी के इस प्रकार सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति करने से सियायतिया गरमा गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इसे सेना के राजनीतिकरण से जोड़कर देख रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार और बीजेपी के इस क़दम का विरोध किया है।
इधर विपक्ष के विरोध की परवाह किए गए बगैर मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी साल गिरोह पर जनभावनाओं से खेल की पूरी तैयारी की है। केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से देश भर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षा संस्थानों को गुरुवार को निर्देश दिया गया कि 29 सितंबर की तारीख को 'सर्जिकल स्ट्राइक दिवस' के रूप में निर्देश निर्देश दिलवाया। यूजीसी की तरफ से भेजी हुई चिट्ठी में कहा गया है कि शौचालय दिवस मनाने के लिए सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों बुलाकर उनके भाषण कराएं।
देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपेशियों को भेजी गई यूजीसी की चिट्ठी कहा गया है, 'सभी विश्वविद्यालयों की एनबीआई की इकाइयों को 2 9 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए जिनके बाद कमांडर सरहद की रक्षा के रूप में-उनके बारे में उन्हें संबोधित करें। विश्वविद्यालय सशस्त्र बॉल के बलिदान के बारे में छात्र को बनाने के लिए चिट्ठी में सुझाव दिया गया है, 'भारत गेट के पास 2 9 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, अहमद, समूचे देश की छावनी में किया जा सकता है। इन संस्थानों को छात्र को प्रेरित करना चाहिए और संकाय सदस्यों को इन प्रदर्शनियों में जाना चाहिए। '
मोदी सरकार के इस फैसले पर सियासी पारा चढ़ाया है। कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक्य सिंघवी ने पार्टी की आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में मोदी सरकार पर हमला कांग्रेस। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी फौज हमारे फौजी को मार कर उसके शव तक का अपमान कर कर रही है तो ऐसे में दो साल पुराना सर्जिकल स्ट्राइक पर जश्न मनाने की क्या तुक है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल सेना की पार्टी के अनिवार्य हिस्सा है। पहले ही सेना ज़रूरत पड़ने पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रही है लेकिन पहले की सरकरों ने इसका राजनीतिकरण नहीं किया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रा ने कहा, 'सेना पर हमें गर्व है। मैं उस समय समय था और फिर में कैबिनेट मीटिंग बुलाकर अपने जवानों को सैल्यूट किया, लेकिन वह सेना की कार्रवाई पर पूरे देश को गर्व है, मोदी सरकार उसके राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। रावत ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक दिवस को विजय दिवस या कारगिल दिन की तरह मनाया जा लेकिन उस प्रकार से यह किया जा रहा है, उसे साफ लग रहा है कि इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट्स यूजीसी क निर्देशों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या वो 8 नवंबर को नोटबंदी के रुपए में आम जनता के विरुद्ध किए गए सर्जिकलव स्ट्राइक की सालगिरहवानी थीं शोर से मनाएगी। वही पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक का जश्न मनाने के यूजीसी के अनुरोध को ठुकरा दिया है। ममता सरकार के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि यूजीसी के विद्यालयों में 2 9 सितंबर को 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' मनाने का निर्देश बीजपा के एजेंडा का हिस्सा है। राज्य के स्कूल-कॉलेज यह दिन मना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार थल सेना की 'छवि लाल कर उसे राजनीतिक रंग' देना चाहती है।
यूजीसी की इस चिट्ठी पर सिसासी बवाल मचने के बाद केंद्र सरकार ने उसे पल्ला झाड़ लिया है। केंद्रीय मानव संसाधन ज्ञानसम प्रकाश प्रकाश जावड़ेकर देनी पड़ी कि यूजीसी सर्कुलर संस्थानों के लिए केवल सलाह है। इसे अनिवार्य नहीं किया गया था। वो करें या नहीं यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। इससे साफ है कि विपक्ष के एतराज के बाद मोदी सरकार को अपने कड़े पीछे खींचने पड़े हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही सियालिस बेहद शर्मनाक है। सरकार जश्न मना रही है। विपक्ष जश्न नहीं मना सकता तो वो विरोध कर रहा है। राजनीति में तरफ से हो रही है। पाकिस्तान को लेना सरकार सरकार की नीति साफ नहीं है। एक तरफ बात-चीत की कोशिशें हो रही हैं। पाकिस्तानी फौज बात-चीत को पटरी से उतारने के लिए अपने औट पर आई आई। पांच साल पहले पर पाकिस्तानी फौज हमारे जवान का सिर काट कर ले गया था। तब भी जमकर राजनीति हुई थी। तब सुषमा स्वराज ने कहा था हमारी सरकार इच्छा तो एक के बदले दस सिर काट कर लाएंगे। अब सुषमा विदेश मंत्री है। ऐसे हालात में अमेरिका में उनके पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात होने की चर्चा है। कांग्रेस ने सरकार से यह मुलाकात की मांग की है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले कह रहे थे, पाकिस्तान को भाषा में जवाब देना चाहिए। लव लेटर लिखने बंद कर देन चाहिए। अब सर्जिकल स्ट्राइक का जश्न मना रहा है। सरकरी हल करें मैं चर्चा गर्म है। मोदी फिर चौंका हो। यानी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी खबर दोबारा आधा है। देखिए और इंटेज़ार कीजिए। पीएम ज़िल्ले इलाही की तरह खुश हैं। उनके पास है पाकिस्तान ने एक और मौका दे दिया है। इस पर एक पुराना शेर याद आया,
'जंग में शहीद सिपाही रह, सुर्ख रू ज़िल्ले इलाही होंगे।'