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पालघर पर चीखने वाले हाथरस पर खामोश, हाथरस पर रोने वाले राजस्थान में खामोश!
भारत में मौजुदा परिस्तिथियों में आम आदमी का जीवन जीना दूभर होता जा रहा है. धर्म सम्प्रदाय की राजनीत से देश में कई कमियां आ जाती है. लेकिन वोट के सौदागरों ने हमारे नशों में इतने विरोधाभासी इंजेक्शन पेवस्त कर दिए है कि एक का असर खत्म नहीं होता तब तक दूसरा असर कर जाता है.
अब बात करते है देश के प्रदेशों में हुए अपराधों पर. हम लोकतंत्र के देश में रहते है. जहाँ देश के हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है. लेकिन पिछले काफी समय से इसमें बदलाब हो रहा है. अब आप खुले में खड़े होकर अपनी बात नहीं कह सकते है. किसी बात पर नाराज होकर धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते है. आप सरकार की मुखालफत नहीं कर सकते है. बाकी और भी बहुत कुछ है.
अब बात अपराध की करते है. तो आज महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश , राजस्थान और बंगाल में उलझी हुई राजनीत में सभी लोग अपनी अपनी रोटी सेक रहे है जिसे जो अच्छा लग रहा है उसे कर रहा है जिसे अच्छा नहीं लग रहा है वो उसकी खिलाफत कर रहा है. यूपी एम् घटना कांग्रेस की दिखती है तो राजस्थान में बीजेपी को , बंगाल और महाराष्ट्र में बीजेपी को दिखती है. इसका मतलब लोगों की परेशानियों से दोनों पार्टियों का कोई लेना देना नहीं है सिर्फ वोट की बात है.
इस पर आज कांग्रेस के नेता और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ी सटीक बात कही है . उन्होंने कहा है कि हत्या "हिंदू" की हो या "मुसलमान"की मरता तो इंसान है, लेकिन अफ़सोस जो "पालघर" पे रोते हैं वो "हाथरस" पे चुप हैं और हाथरस पे रोने वाले "राजस्थान" पे चुप हैं, आख़िर ये माजरा क्या है, क्या इस देश के नेता इतने गिर गये हैं जो चिता की "लपटों" में भी "सियासत" देखते हैं.
इस बात में पूरा सार है घटना कहीं हो इंसान मरता है और हम इंसानियत का खड़े होकर जनाजा निकाल रहे है क्यों? घटना कहीं घटे जो उस राज्य की सरकार चला रहा है उसकी जिम्मेदारी है वहां के निवासियों को सुरक्षा और कानून व्यवस्था पुख्ता देने की. अगर बीजेपी शासित राज्य में कांग्रेस सुरक्षा नहीं देगी न ही कांग्रेस शासित राज्य में बीजेपी सुरक्षा देगी इसके लिए वाही जिम्मेदार होंगे जिनकी सरकार है.
सरकार को किसी भी घटना पर अपनी जिम्मेदारी मानकर उसके खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए चाहे घटना के पीछे कोई भी हो. उसी दिन देश प्रगति के रास्ते पर चल पड़ेगा. बंगाल में अगर घटना के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार है तो मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह को भी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी. अगर यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार है तो राजस्थान में अशोक गहलोत को भी जिम्मेदारी लेनी होगी.