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Vijay Mallya, Nirav Modi, Mehul Choksi, India, Cheetah, Modi, BJP
सैय्यद अली मेहंदी
इन दिनों न मीडिया में विदेश से चीते लाने का मामला बेहद चर्चा में है। चीते कब आए, कैसे आए, कौन लाया, चीते क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, कैसे रहते हैं, कैसे बोलते हैं इसकी चर्चा मीडिया बारीकी से कर रहा है लेकिन मेरा सवाल कुछ अलग है, मेरा सवाल है कि भ्रष्टाचार के तीन चीते जो भारत छोड़कर फरार हो गए हैं उन्हें केंद्र सरकार कब गिरेबान से पकड़ कर खींच की हुई भारत कब लाएगी और न्यायालय में खड़ा कर देगी। जहां हमारी खून पसीने की कमाई से मिलने वाले टैक्स को लेकर फरार होने वालों को भारतीय संविधान का हथोड़ा झेलना पड़ेगा।
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को लेकर सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी हमेशा कांग्रेस के निशाने पर रही है। पार्टी इन सभी को भगाने का आरोपा बीजेपी पर लगाती रही है। वहीं बीजेपी के अनुसार इन लोगों ने कांग्रेस के राज में बड़ा घोटाला किया है। लगातार सवाल उठता रहता है कि, ये लोग भारत कब आएंगे। मोदी सरकार देश का कर्ज खाने वालों को भारत कब ला रही है।
हालांकि केंद्र सरकार के प्रवक्ता अक्सर यह कहते हुए नजर आते हैं कि , "विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी ये सभी इस देश के कानून का सामना करने के लिए वापस आ रहे हैं … एक-एक कर के हर कोई इस देश के कानून का सामना करने के लिए देश में वापस आ रहा है। सरकार ब्रिटेन से माल्या और मोदी के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है, जबकि माना जा रहा है कि चोकसी एंटीगुआ-बारबुडा में है।
माल्या अपनी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण को जानबूझ कर न चुकाने के आरोपी हैं, और मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं। वहीं नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पीएनबी के साथ कर्ज में धोखाधड़ी के आरोपी हैं।
चाचा भतीजे पर 16,400 करोड घोटाले का आरोप लगा है। सीबीआई जांच शुरू होने से पहले 2018 में दोनों भारत से भाग गए। मोदी सरकार इन सभी को लंबे समय से भारत लाने का दावा कर रही है लेकिन पार्टी का दावा जमीन पर नजर नहीं आ रहा है।