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बाप की हवस का शिकार मासूम का कोर्ट कराएगा गर्भपात, जानकर रो पड़ेंगे आप
शिव कुमार मिश्र
17 May 2017 10:08 PM IST
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दर्दनाक: पीजीआई ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू कर दी
रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले में एक ऐसा शर्मनाक मामला आया है, जिसमें एक मासूम 10 वर्षीय बच्ची को उसके सौतेले बाप ने पानी हवस का शिकार बनाया। पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों के पैनल ने रेप का शिकार होने के बाद प्रेग्नेंट हुई 10 साल की बच्ची के गर्भपात को मंजूरी दे दी है। सौतेले पिता की हवस का शिकार हुई बच्ची से रेप और उसके प्रेग्नेंट होने के मामले में स्थानीय कोर्ट ने पीजीआई के मेडिकल बोर्ड पर ही निर्णय छोड़ दिया था।
पीजीआई मेडिकल सुपरिन्टेन्डेंट डॉक्टर अशोक कुमार चौहान ने हालांकि कहा कि इस मामले में उनकी रिपोर्ट पूरी तरह से गोपनीय है और इसका खुलासा केवल पुलिस के सामने भी किया जाएगा। रोहतक महिला पुलिस स्टेशन की डीसीपी पुष्पा खत्री ने कहा कि पैनल ने कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही यह निर्णय लिया। मासूम बच्ची फिलहाल पीजीआई रोहतक में दाखिल है, जहां पीजीआई ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू कर दी है । बाल कल्याण समिति ने की बच्ची की काउंसलिंग कर दहशत से बाहर निकालने की कोशिश की। बाल कल्याण समिति के चेयरमैन डा. राज सिंह सांगवान ने बताया कि बच्ची अब पूरी तरह से ठीक है।
इस मामले में स्थानीय कोर्ट ने कहा था कि अगर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट के तहत अबॉर्शन हो सकता है तो किया जाए। हालांकि एक दिन पहले ही पीजीआई के मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि अबॉर्शन या डिलिवरी दोनों मामलों में ही बच्ची की जान को खतरा है। दरअसल बच्ची की मां ने कोर्ट में याचिका दायर कर अबॉर्शन की इजाजत मांगी थी।
गौरतलब है कि 10 साल की इस बच्ची के साथ उसके सौतेले पिता ने ही रेप किया था। आरोपी सौतेला पिता फिलहाल न्यायिक हिरासत में रोहतक जेल में बंद है। 10 मई को यह मामला सामने आया था। बिहार की रहने वाली एक महिला ने अपने ही पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि बेटी के साथ पति ने ही रेप किया है। जिसके चलते वह प्रेग्नेंट हो गई है। इस महिला के पति की मौत के बाद देवर के साथ शादी कर दी गई थी। महिला पुलिस स्टेशन ने मामले में कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था। बच्ची करीब 5 माह की प्रेंग्नेंट है और उसे फिलहाल पीजीआई रोहतक में दाखिल कराया गया है। इस बच्ची की देखरेख का जिम्मा बाल कल्याण समिति रोहतक को सौंपा गया है। समिति की ओर से बच्ची के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है और रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। समिति के चेयरमैन डॉ. राज सिंह कादियान कहते हैं कि बच्ची को सभी प्रकार की मेडिकल सुविधा और कानूनी खर्चा उपलब्ध कराया जाएगा।
बच्ची की उम्र कम होने और प्रेग्नेंसी कन्फर्म करने के लिए पीजीआई रोहतक के 8 डॉक्टरों का बोर्ड बनाया गया था। पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक चौहान ने बताया कि मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में पीड़ित बच्ची की गर्भावस्था 20 सप्ताह में 2 सप्ताह ऊपर नीचे होने की जानकारी दी है। गौरतलब है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट 1971 के तहत गर्भ धारण करने के 20 सप्ताह के अंदर ही कानूनी रूप से अबॉर्शन कराया जा सकता है। हालांकि सााथ ही यह भी प्रावधान है कि अगर गर्भ के रहने से होने वाली मां को मानसिक और शरीरिक तकलीफ होने का खतरा है या जान का जोखिम है तो अबॉर्शन किया जा सकता है। इसके अलावा अगर जन्म के बाद बच्चे के मानसिक और शरीरिक तौर पर विकलांग होने की आशंका है, तब भी किया जाता है।
आपको बता दें की इस तरह के समाज में बुरी कुरीतियों ने जन्म ले लिया है। ये सब कारण हम पश्चिमी सभ्यता में जीने के लिए आतुर है। इस आतुरता में हम अपने रिश्तों को ही शर्मशार करने पर उतारू है। क्या होगा इस समाज का जानकर सभी हैरान है।
शिव कुमार मिश्र
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