सबसे बड़ी आपत्ति मुझे इस बात से है कि लोगों ने इसे महज प्रेम कहानी बना कर रख दिया है। वस्तुतः यह प्रेम कहानी है ही नहीं! दशरथ जी के प्रेम का दायरा बहुत विस्तृत था।