नई दिल्ली. केंद्र सरकार की कुल देनदारियां (Government of India Libalities) जून 2020 के अंत तक बढ़कर 101.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गईं. सार्वजनिक ऋण (Debt) पर जारी नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. साल भर पहले यानी जून 2019 के अंत में सरकार का कुल कर्ज 88.18 लाख करोड़ रुपये था. सार्वजनिक ऋण प्रबंधन की शुक्रवार को जारी त्रैमासिक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2020 के अंत में सरकार के कुल बकाए में सार्वजनिक ऋण का हिस्सा 91.1 प्रतिशत था.
कुल कर्ज़ बढ़कर 101.3 लाख करोड़ रुपये हुआ- अंग्रेजी के अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry Report) की एक रिपोर्ट में सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक जून 2020 के अंत तक सरकार की देनदारी बढ़कर 101.3 लाख करोड़ हो गई है. मार्च 2020 तक यह कर्ज 94.6 लाख करोड़ रुपए थी. जो कोरोना के बाद से लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले साल जून 2019 में यह कर्ज 88.18 लाख करोड़ की थी.
रिपोर्ट में यह कहा गया कि बकाया दिनांकित प्रतिभूतियों के लगभग 28.6 प्रतिशत की परिपक्वता की शेष अवधि पांच साल से कम समय रह गई है. आलोच्य अवधि तक इसमें वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत और बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 26.2 प्रतिशत थी.
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 3,46,000 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 2,21,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां जारी की गई थी.
सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में नए इश्यू की औसत भारित परिपक्वता 16.87 वर्ष थी, जो अब कम होकर 14.61 वर्ष पर आ गई. वहीं केंद्र सरकार ने अप्रैल-जून 2020 के दौरान नकद प्रबंधन बिल जारी कर 80,000 करोड़ रुपये जुटाए.