RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया ब्याज दरें घटाने का ऐलान, अब इतनी कम होगी आपकी EMI
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन (Nationwide Lockdown) है. ऐसे में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. लोगों को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार बड़े ऐलान कर रही है. वहीं, केंद्र सरकार के बाद अब RBI ने राहत देते हुए ब्याज दरों में कटौती करने का ऐलान किया है. RBI ने रेपो रेट 0.75 फीसदी घटाकर 4.40 फीसदी कर दी है. इस फैसले से बैंकों के साथ-सााथ आम आदमी को भी राहत मिलेगी. जल्द बैंक अपने ग्राहकों की EMI कम करने को लेकर फैसले ले सकते है.
RBI का फैसला- RBI की कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गया है. रेपो रेट की यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है. आपको बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था.
इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है. रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों को मिलेगा.
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू 3 अप्रैल को होने वाला था. लेकिन मौजूदा हालत को देखते हुए इसे जल्दी कर दिया गया. RBI गवर्नर ने कह, मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने 24, 25 और 26 मार्च को बैठक कर लिया ताकि रेट कट का ऐलान जल्दी हो सके.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था को होने वाले खतरे को देखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की. बैठक में 4 सदस्य बड़ी कटौती के पक्ष में थे. जिसके बाद यह फैसला लिया गया.
RBI गवर्नर ने कहा कि दूसरी छमाही में 4.4 फीसदी ग्रोथ हासिल करना चुनौतीपूर्ण है. शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की वजह से मांग में काफी कमी आई है. कोरोना से ग्रोथ, महंगाई में काफी बदलाव संभव है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय जैसी अस्थिरता कभी नहीं देखी गई.
RBI की समीक्षा बैठक 24 से 27 मार्च तक चली. बता दें कि पिछले समीक्षा बैठक में दरों में किसी भी तरह के बदलाव न करने का फैसला किया गया था. इसके पहले भी आरबीआई 5 बार दरों में कटौती कर चुकी है.
CRR में कटौती से बैंकों को 1.37 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे. CRR में कटौती 1 साल के लिए लागू होगी. मार्जिन स्टेंडिंग फैसिलिटी कैप 2 फीसदी से बढ़कर 3 फीसदी की गई है. बैंक, NBFCs को सभी टर्म लोन पर 3 महीने का MORATORIUM मिलेगा.
इसके साथ ही नेट फंडिंग रेश्यो नियम को 6 महीने के लिए टाला जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि सिस्टम में पिछले MPC से अबतक 2.8 लाख करोड़ रुपये डाले गए हैं. भारतीय बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है. बैंकों ग्राहकों को चिंतित होने की जरुरत नहीं है. सुरक्षित रहिए और डिजिटल को बढ़ावा दीजिए.
इसके पहले 4 अक्टूबर 2019 को आरबीआई ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की थी और तब रेपो रेट 5.15 फीसदी रह गया था. फरवरी से अक्टूबर 2019 के बीच लातार 5 बार दरों में कटौती की गई थी और तब तक कुल कटौती 135 बेसिस प्वॉइंट की रही थी. 5 दिसंबर को होने वाली समीक्षा बैठक में दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. फिलहाल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एक्सपर्ट कम से कम 50 बेसिस प्वॉइंट की कटौती उम्मीद कर रहे थे.
विश्व के कई देशों में आंतक मचाने के बाद भारत में कोरोना पैर पसार चुका है. इसके असर से लड़ने के लिए भारत सरकार ने गुरुवार को ही 80 करोड़ लोगों के लिए बड़े ऐलान किए हैं और 1.70 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक राहत दिया है.