Petrol-Diesel Price: हर दिन अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा पेट्रोल-डीजल, जानिए आज अपने शहर का भाव
देश में आज लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा हुआ है.
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम हर दिन अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. देश में आज लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा हुआ है. नई दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अन्य शहरों में भी कीमतें काफी बढ़ी हैं. कई शहरों में पेट्रोल 90 रुपये पार हो गया है. मुंबई की बात करें तो वहां पेट्रोल 94 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत जल्द ही सेंचुरी लगा सकती है.
इस साल अभी तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. इस बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई है, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है.
शहर | पेट्रोल | डीजल |
दिल्ली | 87.85 रुपये | 78.03 रुपये |
मुंबई | 94.36 रुपये | 84.94 रुपये |
कोलकाता | 89.16 रुपये | 81.61 रुपये |
चेन्नई | 90.18 रुपये | 83.18 रुपये |
लखनऊ | 86.77 रुपये | 78.39 रुपये |
चंडीगढ़ | 84.55 रुपये | 77.74 रुपये |
बेंगलुरु | 90.78 रुपये | 82.72 रुपये |
नोएडा | 86.83 रुपये | 78.45 रुपये |
पटना | 90.27 रुपये | 83.22 रुपये |
विदेशी बाजार से आते-आते कैसे महंगा हो जाता है तेल
आपको समझाते हैं कि विदेशी बाजार से जो कच्चा तेल बेहद सस्ते दाम में आता है. वो पेट्रोल पंप तक आते-आते कैसे इतना महंगा हो जाता है. इसमें कौन-कौन से टैक्स जुड़ते हैं. भारत अपनी जरूरत के लिए पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है यानी दूसरे देश से खरीदता है. तेल को इंपोर्ट करने के बाद उसे रिफाइनरी में भेजा जाता है. यहां इस कच्चे तेल से पेट्रोल, डीजल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट निकाले जाते हैं.
रिफाइनरी से ये तेल पेट्रोल-डीजल बेचने वाली कंपनियों के पास जाता है. जैसे कि इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम. ये कंपनियां अपना मुनाफा लेती हैं. ये कंपनियां पेट्रोल-डीजल को पेट्रोल पंप तक पहुंचाती हैं, जहां पेट्रोल पंप का मालिक अपना कमीशन लेता है.
यहीं पर पेट्रोल-डीजल के दाम में 2 तरह के टैक्स भी जोड़े जाते हैं. केंद्र सरकार का एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट. वैट यानि वैल्यू ऐडेड टैक्स की दर हर राज्य में अलग-अलग है. ये सबकुछ जोड़ने के बाद कच्चे तेल का दाम तीन-गुना महंगा हो चुका होता है.