प्रधानमंत्री ने डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन 'ई-रुपी' किया लॉन्च, क्या है ई-रुपी?
पीएम मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'e-RUPI' लांच किया है. यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है. ई-रूपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को प्राप्त होगा।
पीएम मोदी ने लॉन्च के मौके पर कहा कि ई-रूपी वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन और डीबीटी को बढ़ावा देने में भूमिका निभाएगा. इससे सभी लोगों को टार्गेटेड, पारदर्शी और लीकेज-फ्री डिलीवरी में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ई-रूपी इसका उदाहरण है कि भारत कैसे आगे बढ़ रहा है और 21वीं सदी में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से लोगों को जो़ड़ रहा है. मोदी ने कहा कि वे खुश हैं कि यह इस साल में शुरू हुआ है, जब भारत अपनी आजादी का 75वां साल का जश्न मना रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि केवल सरकार नहीं, बल्कि अगर कोई गैर-सरकारी संस्था किसी को उसकी शिक्षा या मेडिकल इलाज में मदद करना चाहती है, तो वे कैश देने की जगह ई-रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दान दी गई राशि को केवल बताए गए काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि टेक्नोलॉजी तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम? जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे।
भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट करने में, उससे जुडने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं। इनोवेशन की बात हो, सर्विस डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है।
क्या है ई-रुपी?
ई-रुपी को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया हैं। यह डिजिटल भुगतान के लिए पूरी तरह से एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है।
क्या हैं इसके फायदे?
व्यवस्था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है।
इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेनदेन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए।
प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।
यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल हो सकता है।
कहां हो सकता है ई-रुपी का इस्तेमाल?
इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है।
यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है।
कैसे करता है काम?
e-RUPI एक प्रीपेड ई-वाउचर है। यह क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के आधार पर ई-वाउचर के रूप में काम करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंचाया जाता है। यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने की अनुमति देगा। ई-रुपी, सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है।