पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक से होम, ऑटो और एजुकेशन लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी

रिजर्व बैंक के रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया है.

Update: 2020-04-01 02:42 GMT

सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने रेपो दर से जुड़ी अपनी ब्याज दरें 0.75 प्रतिशत तक कम कर दी हैं. रिजर्व बैंक के रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया है. सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों ने रेपो दर में कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को दिया है.

खुदरा और MSME कर्जदाताओं को मिलेगा लाभ

पीएनबी ने एक बयान में कहा है कि हमने आरबीआई की नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती का पूरा लाभ उससे कर्ज ले रखे उन ग्राहकों को देने का निर्णय किया है जिनके ब्याज बाह्य मानक रेपो दर (आरएलएलआर-RLLR) से जुड़े हैं. बयान के अनुसार यह कटौती खुदरा (Retail) और एमएसएमएई (MSME) कर्जदाताओं के लिये है. इंडियन ओवरसीज बैक ने भी आरएलएलआर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है. इस कटौती के बाद नई आरएलएलआर एक अप्रैल से मौजूदा 8 प्रतिशत से कम होकर 7.25 प्रतिशत पर आ गयी है.

आईओबी ने एक बयान में कहा कि आरएलएलआर से संबद्ध खुदरा कर्ज (आवास, शिक्षा, वाहन) अब सस्ते ब्याज पर मिलेगा. पीएनबी ने सभी अवधि के एमसीएलआर (कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर) भी 0.30 प्रतिशत कम किया है. पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का एक अप्रैल यानि आज से विलय हो रहा है. अत: यह कटौती इन दोनों बैंकों पर भी लागू होगी. आईओबी ने भी एक साल के एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत से कम कर 8.25 प्रतिशत कर दिया है। नई दर 10 अप्रैल से प्रभावी होगी.

एक अन्य बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सभी अवधिक कर्जों पर एमसीएलआर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है. इस कटौती के बाद बैंक की एक साल की एमसीएलआर 8 प्रतिशत से कम होकर 7.75 प्रतिशत हो गयी है. नई दरें आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के ग्राहकों पर भी लागू होगी जिनका विलय एक अप्रैल से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हो रहा है. इसके अलावा, पीएनबी ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के मियादी जमाओं पर ब्याज कम किया है. एक साल और उससे अधिक वर्ष की मियादी जमा राशि पर अधिकतम ब्याज 5.80 प्रतिशत होगा. (इनपुट भाषा)

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