#Budget2019 : हलवा सेरेमनी के साथ ही वित्त मंत्रालय में शुरू हुई बजट की तैयारी
हलवा सेरेमनी के मौके पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, पी राधाकृष्णन, वित्त मंत्रालय की सचिव और आला अधिकारी मौजूद थे
नई दिल्ली : अंतरिम बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी हुई। इसके बाद बजट की तैयारियों को लेकर जुड़े करीब 100 वित्त मंत्रालय के कर्मचारी अब मंत्रालय में ही रहेंगे, जब तक अंतरिम बजट पेश नहीं हो जाता है। हलवा सेरेमनी के मौके पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, पी राधाकृष्णन, वित्त मंत्रालय की सचिव और आला अधिकारी मौजूद थे। हालांकि इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली अनुपस्थित रहे।
वित्त मंत्रालय में साल 2018-19 के लिए अंतरिम बजट तैयार करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही 21 जनवरी से लेकर 1 फरवरी तक के लिए वित्त मंत्रालय में 100 कर्मचारी बंद हो चुके हैं। उन्हें 1 फरवरी को अंतरिम बजट से पहले अब बाहर आने जाने की इजाजत अब नहीं है। यहां तक कि वह 29 फरवरी को बजट पेश होने तक अपने घर भी नहीं जा सकेंगे। लेकिन बजट डॉक्यूमेंट की छपाई और वित्त मंत्रालय के कर्मचारी के मंत्रालय में बंद होने से पहले 21 जनवरी को सालों से चली आ रही, परंपरागत हलवा पार्टी हुई। इस पार्टी में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माजूद नहीं थे, लेकिन वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल और पी राधा कृष्णन समेत वित्त मंत्रालय के सचिव से लेकर कई कर्मचारी मौजूद थे।
इस हलवा पार्टी समारोह के बाद से वित्त मंत्रालय के 100 कर्मचारी मंत्रालय के तहखाने में ही रहेंगे, जहां बजट डॉक्यूमेंट की छपाई होती है। दरअसल बजट बनाने की माथापच्ची और वित्त मंत्री से सहमति मिलने के बाद बजट से जुड़े डॉक्यूमेंट को वित्त मंत्रालय स्थित तहखाने में उसे छपाईखाने में भेजा जाता है। बजट के डॉक्यूमेंट को बेहद गोपनीय माना जाता है और इस गोपीवीय दस्तावेज लीक ना हो, इसके लिए बजट दस्तावेज के छपाई के दौरान वित्त मंत्रालय के कर्मचारी यहां पर रहते हैं।
इस दौरान अधिकारी बजट पेश होने तक मंत्रालय के तहखाने में रहते हैं। वह अपने घर भी नहीं जा सकते। घरवाले इन कर्मचारियों के अधिकारियों को फोन करके ही अपनों से संपर्क कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय की कैंटीन में इनके लिए खाना तैयार होता है। यहां इनके लिए सोने की भी व्यवस्था होती है। साफ है वित्त मंत्रालय के 100 कर्मचारी देश के बजट तो तैयार करने के लिए वनवास पर रहते हैं और बजट पेश होने के बाद ही वे अपने परिवारों से मिल सकते हैं।