RBI ने की रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, आपकी EMI का बोझ होगा कम
नए वित्त वर्ष 2019-20 में मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दो महीनों में दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। नए वित्त वर्ष 2019-20 में मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी है। इससे पहले सात फरवरी 2019 को आरबीआई ने रेपो रेट को 0.25 बेसिर प्वाइंट घटाकर 6.50 से 6.25 फीसदी की थी। ऐसा माना जा रहा था कि वैश्विक नरमी से घरेलू आर्थिक वृद्धि संभावनाओं पर असर पड़ने की आशंकाओं के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये रिजर्व बैंक प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।
इससे पहले रिजर्व बैंक ने 18 महीने के अंतराल के बाद फरवरी 2019 में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। ब्याज दर में एक के बाद एक कटौती से मौजूदा चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिल सकती है। आम लोगों को आने वाले महीनों में कर्ज के बोझ से थोड़ी राहत मिल सकती है। उनको होम लोन की ईएमआई थोड़ी कम हो सकती है।
नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक
यह वित्त वर्ष 2019-20 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी। 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे थे।
इंडस्ट्री ने की कटौती की वकालत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इससे उद्योग संगठनों, जमाकर्ताओं के संगठन, एमएसएमई के प्रतिनिधियों तथा बैंक अधिकारियों समेत विभिन्न पक्षों के साथ बैठक कर चुके थे। मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है इससे उद्योग जगत एक बार और रेपो रेट कम करने की वकालत कर रहे थे।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीसीजी एवं पूंजी बाजार रणनीति) वी.के.शर्मा ने कहा कि बाजार रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती तथा परिदृश्य बदलकर सामान्य करने के अनुकूल थी। तरलता में अनुमानित सुधार तथा ब्याज दर में कटौती बाजार के लिये अच्छी होगी।