बीस लाख करोड़ का जुमला और पीआईबी का फैक्ट चेक

Update: 2020-05-24 11:43 GMT

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज अपने साप्ताहिक कॉलम में लिखा है, प्रधानमंत्री ने 12 मई को जो प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया था, उसका विश्लेषण मैंने पिछले हफ्ते किया था (बीस लाख करोड़ का नया जुमला)। पांच हिस्सों में वित्त मंत्री ने इस पैकेज का ब्योरा पेश किया जिसका विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने विश्लेषण किया। इसका सर्वसम्मत नतीजा यह निकला कि पैकेज में राजकोषीय प्रोत्साहन का हिस्सा जीडीपी के 0.8 से 1.3 फीसद के बीच है।

राजकोषीय प्रोत्साहन का आकार मैंने गए हफ्ते 1,86,650 करोड़ रुपए का बताया था जो जीडीपी के 0.91 फीसद के समतुल्य है। सरकार में किसी ने भी मेरे इन आंकड़ों का खंडन नहीं किया है। आपने पढ़ा ही होगा 20 लाख करोड़ का यह पैकेज डीटेल देने के बाद 20,97,053 करोड़ का था।

यानी 95,053 (लगभग एख लाख करोड़) रुपए ज्यादा। (लिंक कमेंट बॉक्स में) पीआईबी के फैक्ट चेक के बारे में आप क्या कहेंगे? उल्लेखनीय है कि पीआईबी ने गुजरात के फर्जी वेंटीलेटर कांड से संबंधित एक रिपोर्ट के उन अंशों का तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है जो रिपोर्ट में हैं ही नहीं या सरकारी डॉक्टर के हवाले से हैं। 

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