परिवार संग 3 दिन तक 100 किमी पैदल चली 12 साल की बच्ची, घर से 14 KM पहले तोड़ दिया दम

लॉकडाउन-2 के बाद वो अपने ही गांव के 11 लोगों के साथ पैदल ही जंगली रास्ते से होते हुए तेलंगाना से बीजापुर के लिए रवाना हुई.

Update: 2020-04-21 05:48 GMT

बीजापुर : कोरोनावायरस की वजह से देश भर में लगे लॉकडाउन की भयावह और मार्मिक तस्वीर छत्तीसगढ़ के बीजापुर से निकल कर सामने आई है. यहां 12 साल की एक नाबालिग बच्ची अपने परिवार का पेट भरने के लिए बीजापुर के आदेड गांव से रोजगार की तलाश में तेलंगाना के पेरूर गांव गयी हुई थी. 

लॉकडाउन-2 के बाद वो अपने ही गांव के 11 लोगों के साथ पैदल ही जंगली रास्ते से होते हुए तेलंगाना से बीजापुर के लिए रवाना हुई. तेलंगाना के पेरूर गांव से अपने घर वापस आने के लिए 11 लोगों के साथ बच्ची भी निकली. लगातार 3 दिनों तक पैदल सफर कर छत्तीसगढ़ के बीजापुर के मोदकपाल इलाके में 12 साल की जमलो मडकामी पहुंची ही थी कि डिहाइड्रेशन का शिकार होकर इस मासूम बच्ची की मौत हो गयी. बच्ची की जहां मौत हुई वहां से उसका घर 14 किलोमीटर दूर था.

12 साल की जमलो मडकामी अपने ही गांव के कुछ लोगों के साथ रोजगार की तलाश में आज से 2 महीने पहले मिर्ची तोड़ने तेलंगाना के पेरूर गांव गयी हुई थी. लॉकडाउन-2 लगने के बाद 16 अप्रैल को तेलंगाना से वापस ये मासूम बच्ची अपने साथियों के साथ बीजापुर के लिए पैदल ही रवाना हुई. करीब 100 किमी का सफर पैदल ही तय कर 12 प्रवासी मजदूरों का दल 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल तक किसी तरह पहुंच ही पाया था लेकिन घर से 14 किलोमीटर पहले ही बच्ची की मौत हो गई.

प्रवासी मजदूर के मौत कि खबर लगते ही एहतियात के तौर पर प्रशासन ने बच्ची के साथ तेलंगाना से लौटे मजदूरों को भी क्वारंटीन कर दिया. अपनी इकलौती बेटी की मौत की खबर लगते ही पिता आंदोराम मडकम और मां सुकमती मडकम जिला चिकित्सालय बीजापुर पहुंचे. मौत के तीन दिनों बाद आज बच्ची के शव का पोस्टमार्टम बीजापुर में हुआ. जिसके बाद जमलो के शव को उसके मां-बाप को सौंपा गया. जमलो के पिता आंदोराम मडकम ने बताया कि बच्ची को उल्टी-दस्त हुआ, पेट में भी दर्द था.

बीजापुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने बताया कि तेलंगाना से पैदल लौट रहे मजदूरों के दस्ते में से एक बच्ची के मौत की खबर लगते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आयी. बच्ची के शव को बीजापुर लाने के साथ ही उनके साथ पैदल सफर कर रहे सभी मजदूरों को क्वारंटीन कर लिया गया. एहतियात के तौर पर शव का कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल भी भेजा गया. जिसका रिपोर्ट निगेटिव आया. डॉ. पुजारी ने कहा कि गर्मी कि वजह से शरीर में इलेक्ट्रॉल इम्बेलेंस या पानी की कमी होने की से बच्ची की मौत हुई होगी. हालांकि पोस्टमार्टम का रिपोर्ट आने के बाद ही बच्ची के मौत का असल वजह का पता लगेगा.

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