49 बंधकों को किया गया रिहा, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता पर किया हमला

बीजापुर के एक गांव में नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता महेश गोटा का अपहरण कर उनके साथ मारपीट की और उन्हें गंभीर हालत में सड़क किनारे फेंक दिया।

Update: 2023-08-22 09:15 GMT

बीजापुर के एक गांव में नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता महेश गोटा का अपहरण कर उनके साथ मारपीट की और उन्हें गंभीर हालत में सड़क किनारे फेंक दिया।

बीजापुर (छत्तीसगढ़): बीजापुर के एक गांव में नक्सलियों ने सोमवार शाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) युवा मोर्चा के कार्यकर्ता महेश गोटा का अपहरण कर उनके साथ मारपीट की और उन्हें गंभीर हालत में सड़क किनारे फेंक दिया।

जैसे ही स्थानीय लोगों को महेश गोटा के गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली, वे तुरंत एकत्र हुए और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया।

महेश गोटा कुटरू गांव के पूर्व सरपंच भी हैं जिनका रविवार को फरसेगढ़ से उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वे चिकटराज देव की पूजा कर लौट रहे थे. आरोपियों ने पूर्व सरपंच पर धारदार हथियार से हमला किया और उसे मरा हुआ समझकर सोमनपल्ली इलाके के पास फेंक दिया.जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने 50 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया और इसके बाद उनमें से 40 को रिहा कर दिया. उन्होंने महेश गोटा के साथ 9 अन्य लोगों को भी बंधक बना लिया.

बंधक कब बनाया गया था?

कुटरू गांव के आदिवासी हर साल मॉनसून के चिकट राज पर्वत पर पूजा करने जाते हैं. इस साल भी रविवार को 50 से ज्यादा आदिवासी पूजा के लिए पहुंचे, लेकिन वापसी के दौरान उनका सामना नक्सलियों से हो गया.

10 लोगों को बंधक बनाने के बाद नक्सलियों ने 40 लोगों को रिहा कर दिया. बाद में, संबंधित परिवारों की विनती के बाद उन्होंने महेश गोटा को छोड़कर अन्य को रिहा कर दिया। हालांकि, उन्होंने पूर्व सरपंच महेश गोटा को जाने नहीं दिया और बंधक बनाकर रखा.

बेटी ने की थी नक्सलियों से मार्मिक अपील:

महेश गोटा को बंधक बनाए जाने के बाद उनकी बेटी राजकुमारी ने नक्सलियों से अपने पिता को रिहा करने की मार्मिक अपील की लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ और नक्सलियों ने पूर्व सरपंच को गंभीर रूप से घायल कर दिया.

पहले भी नक्सली कर चुके हैं महेश गोटा का अपहरण:

जानकारी के मुताबिक, महेश गोटा का पहले भी नक्सली अपहरण कर चुके हैं. इससे पहले 2012 में नक्सलियों ने महेश गोटा का अपहरण कर लिया था. उस दौरान उन्हें 7 दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद रिहा कर दिया गया था.जैसे ही स्थानीय लोगों को महेश गोटा के गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली, वे तुरंत एकत्र हुए और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया।

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