छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की करीबी अधिकारी सौम्या चौरसिया मनी लॉन्ड्रिग मामले में गिरफ़्तार…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सीक्रेटरी को कई दिनों की बार बार पूछताछ के बाद आखिरकार ईडी ने उन्हें आज दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया है।

Update: 2022-12-02 12:16 GMT

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सीक्रेटरी को कई दिनों की बार बार पूछताछ के बाद आखिरकार ईडी ने उन्हें आज दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया है। सूचना मिल रही है ईडी ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग की अवैध वसूली सहित मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने पिछले दिनों इनके घर छापा भी मारा था। जहां उनके घर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। इनके तार जेल में कोयला ट्रांसपोर्टिंग के अवैध वसूली के मामले जेल में निरुद्ध आइएएस समीर बिश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और इनके भाई लक्ष्मीकांत तिवारी सहित एक अन्य कारोबारी से तार जुड़े होने की बात हो रही है।

बहरहाल, अभी सूचना मिल रही है की ईडी ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। आज ईडी कोर्ट में इनको पेश कर 14 दिन के रिमांड पर लेने की डिमांड रखी है। अभी तक ईडी ने प्रेस रिलीज जारी नहीं किया है उन्हें मनी लांड्रिंग के अलावा और मामले का आधार बनाया। वैसे इस गिरफ्तारी से अब सियासत का माहौल और गर्म होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व में आरोप लगाया था की राजनीतिक साजिशों को अंजाम देने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आएगा। वैसे वैसे ईडी यहां डराने के लिए आती रहेगी। अभी हाल ही में सीएम भूपेश ने ईडी के पूछताछ के तरीके पर आरोप लगाया था। इनके द्वारा किए जा रहे अमानवीय कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे। जरूरत पड़ी तो ईडी पर वैधानिक पुलिसिया कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय एजेंसियां दूसरी बार पहुँची सौम्या के दरवाजे

सौम्या चौरसिया मूलतः छत्तीसगढ़ की ही हैं। वे कोरबा की रहने वाली हैं। सीएम सचिवालय में पोस्ंटिंग से पहले सौम्या कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। वे पूर्व में बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन एसडीएम रही हैं। उन्हें पहली बार भिलाई चरौदा नगर निगम आयुक्त भी बनाया गया। इसके बाद 2016 में रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान उन्होंने निगम में वित्त, सामान्य प्रशासन जैसे मह्तपूर्ण शाखाओं का प्रभार संभाला।

फरवरी 2020 में भी पड़ चुका है छापा

फरवरी 2020 में पहली बार केंद्रीय एजेंसी ने सौम्या के घर दबिश दी थी।इस छापे को लेकर दिल्ली तक राजनीति गर्मा गई थी। यह छापा केवल सौम्या चौरसिया तक सीमित नहीं था बल्कि तब कई और प्रभावशाली नाम भी चर्चा में आए थे। तब की मीडिया रिपोर्ट में इस बात हवाला मिलता है कि एक उप सचिव के घर छापे से छत्तीसगढ़ सरकार इस कदर नाराज हो गई थी उसने आईटी की टीम की गाड़ियां ही जब्त करा दी थीं। सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया था।

बेहद प्रभावशाली हैं उप सचिव हैं सौम्या

छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने वाले जानते हैं कि सरकार में सौम्या चौरसिया इस कदर प्रभावी हैं कि मामला चाहे सरकार से जुड़ा हो अथवा राजनीति से अंतिम फैसला डिप्टी सेक्रेटरी चौरसिया की हरी झंडी मिलने के बाद ही होता है। हालत ये है कि कांग्रेस सरकार में कई वरिष्ठ आईएएस अफसरों का कद भी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या के आगे बौना नजर आता है। राज्य में छोटे- बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग से लेकर प्रदेश सरकार की नीति-कार्यक्रमों से संबंधित फैसले भी उनकी मंजूरी से ही फाइनल होते हैं। यह माना जाता है कि सौम्या चौरसिया के केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर होने की वजह भी उनका मुख्यमंत्री बघेल का सर्वाधिक विश्वासपात्र होना ही है।

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