दो सीनियर IPS अफसरों का 'नान घोटाले' में आया नाम, मुख्यमंत्री ने किया सस्पेंड
करोड़ों रुपये के नान घोटाले और फोन टैपिंग का आरोप है दोनों अफसरों पर, ईओडब्लू की रिपोर्ट के बाद भूपेश सरकार ने किया है दोनों को निलंबित
नई दिल्ली : अभी तक बदमाशों और घोटालेबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम पुलिस अफसर करते रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के दो वरिष्ठ आईपीएस अफसरों पर अब घोटालेबाजों को बचाने का षडयंतर करने और फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में भूपेश सरकार ने जांच करवाई थी। जांच का जिम्मा ईओडब्लू सौंपा गया था। ईओडब्लू ने वरिष्ठ आईपीएस और इंटेलिजेंस के डीजी मुकेश गुप्ता एवं एसपी रजनेश सिंह दोषी मानते हुए रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट के बाद शासन दोनों को निलंबित कर दिया है।
इससे पहले दोनों के खिलाफ ईओडब्लू (आर्थिक अन्वेषण शाखा) ने कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और घोटालेबाजों को बचाने का षडयंत्र रचने की एफआईआर दर्ज की थी। मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर नान घोटाले मामले में गलत ढंग से जांच करने के साथ-साथ अवैध फोन टेपिंग कराए जाने का आरोप है। ईओडब्लू ने मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर यह पाया है कि नान घोटाले की जांच के दौरान मिले डायरी के कुछ पन्नों के इर्द-गिर्द ही जांच केंद्रीत रखी गई। जबकि डायरी के कई पन्नों में प्रभावशाली लोगों के नाम लिखे गए थे, जिन्हें जांच के दायरे में नहीं लाया गया। ऐसी स्थिति में यह संदेश पैदा करता है कि जांच को प्रभावित करने के साथ प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए जांच गलत ढंग से कई गई।
पूर्ववर्ती रमन सरकार में इंटेलिजेंस चीफ रहने के दौरान मुकेश गुप्ता और तत्कालीन एसीबी के एसपी रजनेश सिंह पर अवैध तरीके से फोन टैपिंग कराए जाने की भी शिकायत सामने आई है, जिसे एफआईआर का आधार बनाया गया है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने लगातार रमन सरकार पर फोन टेपिंग कराने का आरोप लगाती रही है।
भूपेश बघेल ने उस वक्त प्रेस कांफ्रेंस कर यह आरोप भी लगाया था कि राजनीतिक दुर्भावनावश और निजी स्वार्थों को साधने के लिए रमन सरकार विरोधियों के फोन टैप करवा रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि माओवाद पर नियंत्रण के नाम पर फोन टैप करने वाली महंगी मशीनें खरीदी गई है। दो वरिष्ठ आईपीएस के निलंबन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवरों को देखकर लग रहा है कि राज्य सरकार शीघ्र दोनों को गिरफ्तार भी कर सकती है।- छ्त्तीसगढ़ के दो वरिष्ठ आईपीएस अफसरों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
- करोड़ों रुपये के नान घोटाले और फोन टैपिंग का आरोप है दोनों अफसरों पर
- ईओडब्लू की रिपोर्ट के बाद भूपेश सरकार ने किया है दोनों को निलंबित