मर्डर के 22 दिन बाद तक श्रद्धा का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करता रहा, मांस काटने में माहिर है आफताब, चौकाने वाले खुलासे आए सामने

दिल्ली के महरौली में दिल दहला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस में नए नए खुलासे हो रहे हैं.

Update: 2022-11-15 05:24 GMT

दिल्ली के महरौली में दिल दहला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस में नए नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक हुई पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी आफताब गर्लफ्रेंड श्रद्धा की बेरहमी से हत्या करने के कई दिनों बाद तक उसका सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्टिव था, ताकि किसी को श्रद्धा की मौत की भनक तक न लगे. दूसरी ओर वह श्रद्धा के शव के टुकड़े कर उन्हें फ्रिज में रखता गया.

पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा और आफताब ने दिल्ली 8 मई को दिल्ली पहुंचे थे. पहले वे पहाड़गंज के होटल में रुके. इसके बाद साउथ दिल्ली के सैदुल्लाजाब इलाके में ठहरे. इसके बाद वे छतरपुर में एक फ्लैट में रहने लगे. 10 दिन बाद यानी 18 मई को आफताब और श्रद्धा का किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ. इसके बाद आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी. आफताब ने हत्या के अगले दिन 300 लीटर वाला फ्रिज खरीदा. बताया जा रहा है कि उसने ये आइडिया अमेरिकी क्राइम ड्रामा Dexter (डेक्सटर) से लिया.

35 टुकड़ों में काटा शव

20 मई को आफताब ने श्रद्धा के शरीर को 35 टुकड़ों में काटा. इसके बाद उन्हें फ्रिज में रख दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आफताब ने होटल मैनेजमेंट से पढ़ाई की थी. कुछ कई सालों तक शेफ का भी काम किया. इस दौरान उसने मीट काटने की ट्रेनिंग भी ली थी. इसी का इस्तेमाल उसने श्रद्धा के शरीर को काटने के लिए किया. उसने दो दिन में श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए. आफताब ने शरीर के टुकड़ों से फ्रिज को भर दिया. शव सड़ने की बदबू न आए, इसके लिए उसने रूम फ्रेशनर और अगरबत्ती का भी इस्तेमाल किया.

जंगल में फेंके शव के टुकड़े

इसके बाद आफताब एक एक कर कटे हुए टुकड़ों को पॉलीबैग में रखकर जंगल में फेंकने लगा. वह रोज 2 रात पॉलीबैग में शव के टुकड़े को लेकर जंगल में जाता था और उसे फेंक आता था. ऐसा उसने करीब 20 दिन तक किया. पुलिस के मुताबिक, आफताब तेज दिमाग वाला था. वह पूछताछ के दौरान अंग्रेजी में जवाब देने में अधिक सहज था. हालांकि, वह हिंदी जानता है. पुलिस के मुताबिक, आफताब हत्या के बाद भी उसी फ्लैट में रहता रहा और ऑनलाइन ऐप के जरिए खाना ऑर्डर करता था. वह 9 जून तक श्रद्धा की हत्या के बाद उसका सोशल मीडिया अकाउंट चलाता रहा और उसके दोस्तों से बात करता रहा. पुलिस के मुताबिक, आफताब गुरुग्राम के कॉल सेंटर में जॉब कर रहा था और दूसरी लड़कियों को भी डेट कर रहा था.

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श्रद्धा के बचपन के दोस्त लक्ष्मण नाडर की चिंता ने ही श्रद्धा हत्याकांड का पर्दाफाश कराया. परिवार से तो दिल्ली आने के बाद श्रद्धा ने बातचीत करना बंद कर दिया था. मगर, वह अपने बचपन के दोस्त लक्ष्मण से संपर्क में थी. श्रद्धा ने बॉयफ्रेंड आफताब के व्यवहार के बारे में लक्ष्मण को भी बताया था. मगर, बाद में लक्ष्मण के मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया. कई दिनों तक लक्ष्मण का संपर्क श्रद्धा से नहीं हो सका. तब उसे लगा कि कहीं कुछ तो गलत है. फिर श्रद्धा के भाई और पिता को बताया कि श्रद्धा संपर्क नहीं हो पा रहा है और उसका फोन भी बंद आ रहा है. इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और श्रद्धा की बेहरमी से हत्या किए जाने के मामले का खुलासा हुआ.

दोस्त ने बताई कई बातें 

श्रद्धा के साथ कॉलेज में पढ़ाई करने वाले उनके दोस्त रजत शुक्ला ने बताया कि कैसे आफताब के जिंदगी में आने के बाद श्रद्धा बदलने लगी थी. रजत शुक्ला ने एक बयान जारी कर कहा कि घटना के बारे में सोचकर ही आत्मा कांप जाती है. श्रद्धा और मैं एक साथ पढ़ाई करते थे. वह पत्रकार बनना चाहती थीं और काफी एक्टिव थी. साल 2018 में उसके जीवन में आफताब आया. जिससे की उसमें बदलाव आने लगा. लेकिन ये अच्छे बदलाव नहीं थे. वह मुरझाने लगी थी. हमें 2019 में इसके बारे में पता चला, शुरुआत में आफताब साधारण इंसान लगा. हमें बताया गया था कि काम के चलते दोनों दिल्ली शिफ्ट हुए थे. जिस तरह से उसकी हत्या की गई है वह सोचकर आत्म कांप जाती है. रजत ने इसके पीछे बड़ी साजिश का शक भी जताया है और कहा है कि यह यह प्रेम कहानी नहीं हो सकती. किसी प्रेम कहानी का अंत इस तरह नहीं हो सकता है.

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