दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध मौत के मामले में 19 साल बाद केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच पहले दिल्ली पुलिस कर रही थी। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।
सीबीआई प्रवक्ता आर.सी. जोशी ने कहा कि आरोप लगाया गया था कि पीड़ित को जेल के कैदियों ने पीटा था और सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में, दिल्ली पुलिस ने विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल तिहाड़ जेल में ही न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार, तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 के वार्ड नंबर 2 के बैरक नंबर 4 में एक विचाराधीन कैदी श्रीकांत राम स्वामी 14 मई 2002 को संदिग्ध हालत में मृत पाया गया था। हाईकोर्ट ने राम स्वामी की मां मलिका की याचिका पर जांच सीबीआई को सौंपी थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे के शव पर धारदार वस्तु से कई वार किए जाने के निशान थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि शव की तस्वीरों और वीडियो में उसकी जांघों और हाथों पर गहरे घाव पाए गए थे, जो कि क्रिकेट के बल्ले से किए गए हमले के नहीं हो सकते, जैसा कि आरोप लगाया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह के घाव कोई नुकीली चीज से मारे जाने से हुए होंगे। हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी और स्वामी की बहन के पास मृत्यु से एक दिन पहले स्वामी का फोन आया था, तो उसने कहा था कि जेल अधिकारी उसकी हत्या कर देंगे।