एक माह के बाद पहलवानों का आंदोलन सरकार ने किया खत्म, पहलवान भेजे जेल

Update: 2023-05-28 12:39 GMT

आखिरकार जंतर मंतर पर एक महीने से ज्यादा दिनों से चल रहा महिला पहलवानों का धरना पुलिस ने कठोरता के साथ आज खत्म करा दिया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन किये जाने के विरोध में पहलवानों और किसानों द्वारा संसद मार्च किया जाने का कार्यक्रम रखा गया था।

महिला पहलवानों के साथ साथ अन्य पहलवानों के साथ बदसलूकी करने के भी आरोप पुलिस पर लगाए गए। तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली में दूसरे प्रदेशों से भी किसानों को दिल्ली कूच करने के लिए कहा गया था जिस पर दिल्ली के गाजीपुर बार्डर और सिंधु बार्डर पर किसानों का अच्छा खासा जमावड़ा सुबह से ही मौजूद था तथा उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस की भारी सुरक्षा लगाई गई थी जिससे किसान दिल्ली में ना घुस पाए।

किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर पर पहुंच कर किसानों का हौसला बढ़ाया और दिल्ली की तरफ जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, इस पर टिकैत गिरफ्तारी देने पर अड़ गए और गिरफ्तार पहलवानों की रिहाई तक धरने पर बैठने का भी ऐलान किया। सुबह लग रहा था कि जैसे ये प्रदर्शन पिछली बार की भांति लंबा चलेगा लेकिन जंतर मंतर पर जिस प्रकार प्रदर्शनकारियों का दमन किया गया उसके बाद यही लग रहा है कि सरकार बिल्कुल भी नर्म पड़ने को तैयार नहीं है, साथ ही इस आंदोलन को जाट समाज का आंदोलन बनाने की कोशिश भी कामयाब होती नजर आ रही है।

खुद प्रदर्शन कर रहे नेतृत्व ने इसे जाट समुदाय का आंदोलन दिखाने की भी गलतियां की हैं, प्रदर्शन से जुड़े गैर जाट लोगों ने कई बार शिकायतें की हैं कि गैर जाट नेताओं को इस प्रदर्शन में तवज्जो नहीं मिलती थी। जंतर मंतर पर पहलवानों को पुलिस गिरफ्तार कर कहाँ ले गयी इसे लेकर भी स्थिति साफ नही है। अब देखना है कि आगे की रणनीति क्या होगी और पहलवान आंदोलन जनांदोलन बन पाएगा। 

रोने का मौका सबको मिलेगा, पहले मुसलमान फिर किसान और जवान अब पहलवान। 

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