अरविंद केजरीवाल के तीसरी पारी की शुरुआत 16 फरवरी से, पिछली बार की तरह उसी जगह पर लेंगे सीएम पद की शपथ
Arvind Kejriwal will swear in as CM for the third time on February 16
आम आदमी पार्टी (आप) की जीत के साथ मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। 16 फरवरी को रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल शपथ ग्रहण कर सकते हैं। इस बार वह लगातार तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाने जा रहे हैं। वहीं मंत्रीमंडल में मनीष सिसोदिया, आतिशी, राघव चड्ढा जैसे नामों को शामिल करने की चर्चा चल रही है।
इससे पहले आज सुबह अरविंद केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने पहुंचे. उन्होंने दिल्ली के LG से मिलकर सरकार गठन का दावा पेश किया. साथ ही शपथ ग्रहण की तारीख की जानकारी दी।
इससे पहले बुधवार की सुबह आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई. पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने यह जानकारी दी. गोपाल राय ने मंगलवार को बताया कि बैठक सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी. बैठक में नवनिर्वाचित विधायक 'आप' के विधायक दल का नेता चुना जाएगा. इस बैठक में केजरीवाल के शपथ ग्रहण को लेकर बातचीत हुई. कई विधायक जहां 14 फरवरी को शपथ ग्रहण के पक्ष में थे, वहीं कुछ लोगों का कहना था कि 16 फरवरी की तारीख तय की जाए. अंत में 16 फरवरी पर सहमति के साथ जहा पिछली बार शपथ ग्रहण किये थे वही पर इस बार भी शपथ लेंगे।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल की अगुआई में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. 70 सदस्यीय विधानसभा में AAP ने 62 सीटों पर कब्जा जमाया है. वहीं, BJP को आठ सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस का लगातार दूसरी बार खाता नहीं खुल सका।
बतादें कि वर्ष 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को रिकॉर्ड सीटें हासिल हुई थीं. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर आप ने कब्जा जमाया था. जबकि बीजेपी महज तीन सीटों पर सिमट कर रह गई थी. वहीं लगातार पंद्रह वर्ष तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वाले कांग्रेस का चुनाव में खाता तक नहीं खुला था
वही रामलीला मैदान में 15 फरवरी, 2015 को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हजारों लोगों की मौजूदगी में अरविंद केजरीवाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर का चुनाव हुआ था. नियमों के मुताबिक जिस दिन प्रोटेम स्पीकर का चुनाव होता है, उसी दिन से विधानसभा का कार्यकाल माना जाता है।