बचपन बचाओ आंदोलन ने छापामार कार्रवाई कर दस बाल मजदूरों को कराया मुक्त
Bachpan Bachao Andolan freed ten child laborers by raiding
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) व इसके सहयोगी संगठन बाल विकास धारा ने पुलिस व प्रशासनिक अमले की मदद से नई दिल्ली के शाहदरा इलाके में की गई छापे की कार्रवाई में 10 बाल मजदूरों को मुक्त कराया। शाहदरा के एसडीएम की अगुआई में मारे गए छापों में श्रम विभाग, शाहदरा पुलिस, जिला बाल संरक्षण समिति और सिविल डिफेंस के सदस्य भी शामिल थे।
छुड़ाए गए बच्चों की उम्र 13 से 16 साल के बीच है और ये सभी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। ये बच्चे मोटरसाइकिलों की मरम्मत और स्टीकर बनाने का काम करते थे। इसमें एक बाल मजदूर पिछले ढाई साल से काम कर रहा था और अभी दो महीने पहले ही मालिक ने उसे 200 रुपए रोजाना के हिसाब से मेहनताना देना शुरू किया था। मुक्त कराए गए इन बच्चों की चिकित्सा जांच के बाद उन्हें बाल संरक्षण समिति के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें ‘मुक्ति आश्रम’ भेज दिया। एसडीएम ने 11 दुकानों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें सील करने के आदेश दिए।
बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, “बाल मजदूरी के खिलाफ जून को ‘एक्शन मंथ’ या कार्रवाई माह के तौर पर मनाया जा रहा है। इस दौरान बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने के लिए पूरे देश में व्यापक अभियान छेड़ा गया है और रोजाना बच्चों को मुक्त कराने की प्रक्रिया जारी है। बाल मजदूरी और बाल शोषण के खिलाफ बेहद सख्त कानूनों के बावजूद नाबालिगों से काम लेने की प्रवृत्ति और उनका शोषण जारी है जिस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।”