उमर खालिद को हाई कोर्ट से बड़ा झटका

Update: 2022-10-18 09:48 GMT

 Umar Khalid, High Court

दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को झटका दिया है। कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है। 9 सितम्बर को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उमर खालिद की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है।

हाई कोर्ट के जस्टिस सिदार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया। उमर खालिद ने निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की थी। वहीं कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निचली अदालत ने जमानत याचिका ख़ारिज की थी।

बता दें कि 24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उमर खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और पिछले साढ़े सात सौ से अधिक समय से जेल में हैं। जमानत याचिका पर उमर खालिद के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने 22 अप्रैल को बहस शुरू की और 28 जुलाई को उनकी बहस समाप्त हुई। वहीं विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने 1 अगस्त को बहस शुरू की और 7 सितंबर को बहस समाप्त हुई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को झटका दिया है। कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है। 9 सितम्बर को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उमर खालिद की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है।

हाई कोर्ट के जस्टिस सिदार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया। उमर खालिद ने निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की थी। वहीं कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निचली अदालत ने जमानत याचिका ख़ारिज की थी।

बता दें कि 24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उमर खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और पिछले साढ़े सात सौ से अधिक समय से जेल में हैं। जमानत याचिका पर उमर खालिद के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने 22 अप्रैल को बहस शुरू की और 28 जुलाई को उनकी बहस समाप्त हुई। वहीं विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने 1 अगस्त को बहस शुरू की और 7 सितंबर को बहस समाप्त हुई।

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