ब्लूटूथ का नाम आखिर ब्लूटूथ क्यों पड़ा?? जानिए इसके पीछे की बेहद रोचक कहानी

ब्लूटूथ को आजकल कौन नहीं जानता है. छोटे से छोटा बच्चा भी ब्लूटूथ को कनेक्ट करना सीख गया है. आप घर में हो, या कार में हो या ऑफिस में हो ब्लूटूथ की जरूरत तो हमेशा सबको पड़ती है। अब तो एडवांस तकनीक एक कई सारे ब्लूटूथ डिवाइस मार्केट में आ गए हैं

Update: 2023-04-09 10:11 GMT

Bluetooth Name Histoy: ब्लूटूथ को आजकल कौन नहीं जानता है. छोटे से छोटा बच्चा भी ब्लूटूथ को कनेक्ट करना सीख गया है. आप घर में हो, या कार में हो या ऑफिस में हो ब्लूटूथ की जरूरत तो हमेशा सबको पड़ती है। अब तो एडवांस तकनीक एक कई सारे ब्लूटूथ डिवाइस मार्केट में आ गए हैं

Bluetooth Name Histoy: ब्लूटूथ का इस्तेमाल आज हम हर जगह करते हैं। अपने घर ऑफिस, मार्केट ,कार में हम ब्लूटूथ जरूर यूज़ करते हैं। हमें भी इसकी जरूरत पड़ती ही रहती है। अब तो कई एडवांस तरीके के ब्लूटूथ डिवाइस मार्केट में आ गए हैं ,लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लूटूथ में दांत का कोई काम नहीं है, इसके बावजूद भी इस नीला दांत या ब्लूटूथ क्यों कहा जाता है??. ज्यादातर लोग इससे अंजान होंगे. आइये आपको बताते हैं इसे ब्लूटूथ नाम क्यों दिया गया.

सभी जानते हैं कि ब्लूटूथ कर दांतो से कोई कनेक्शन नहीं होता है लेकिन जब भी इसे नीला दांत कहा जाता है। इस डिवाइस के पीछे एक राजा का नाम छुपा हुआ है। यह राजा यूरोपीय देश से वास्ता रखते थे। इनका नाम मध्ययुगीन स्कैंडिनेवियाई के राजा Harald Gormsson के नाम पर रखा गया. बता दें कि नॉर्वे, डेनमार्क और स्वीडन के राजा स्कैंडिनेवियाई राजा कहलाते थे.

ऐसी तमाम रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं जिसमें बताया गया है कि इस राजा को blátǫnn के नाम से भी पुकारा जाता था. डेनमार्क की अंग्रेजी में अनुवाद करें तो blátǫnn का अर्थ है ब्लूटूथ. Harald Gormsson यानि blátǫnn राजा को ब्लूटूथ कहा जाता था.

बताया जाता है कि राजा का एक दांत बिल्कुल खराब होकर सड़ गया था। राजा के इस दांत का रंग नीला पड़ गया था। राजा के इस दांत में जान नहीं थी। यही कारण था कि राजा को ब्लूटूथ के नाम से बुलाया जाता था लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस राजा के नाम से कैसे क्रिएटर के दिमाग में यह नाम आया??

पहले आपको बता दें कि ब्लूटूथ को SIG ने तैयार किया था. बताया जाता है कि ब्लूटूथ को बनाने वाले Jaap HeartSen, Ericsson कंपनी में Radio System का काम कर रहे थे. Ericsson के साथ नोकिया, इंटेल जैसी कंपनियां भी ब्लूटूथ डिवाइस को तैयार करने में लगी थीं. ब्लूटूथ को बनाने के लिए कई कंपनियों ने मिलकर SIG (Special Interest Group) ग्रुप बनाया था. SIG ने ही राजा के नाम पर इसका नाम ब्लूटूथ रखा.

आज ब्लूटूथ का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है ।नए ब्लूटूथ डिवाइस के आ जाने पर इसका इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया है। कॉल करने पर फोन को हाथ में ना पकड़ना पड़े इसके लिए भी अब ब्लूटूथ डिवाइस मार्केट में आ गए हैं जिन्हें सिर्फ कान में लगाकर बात किया जा सकता है। और अब तो इतने छोटे-छोटे ब्लूटूथ डिवाइसेज भी आते हैं जो आपके कान में लगने के बाद दिखाई भी नहीं देंगे।

Tags:    

Similar News