क्या राहुल ने मना कर दिया? कांग्रेस से गठबंधन पर बोले केजरीवाल, उन्होंने लगभग मना कर दिया?

केजरीवाल ने साफ कहा, 'उन्होंने (कांग्रेस) लगभग मना कर दिया है।'

Update: 2019-02-14 10:45 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजकअरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर पक रही सियासी खिचड़ी की अटकलों पर स्थिति साफ कर दी। दरअसल, अधिकारों की जंग पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए दिल्ली के सीएम ने गठबंधन पर पत्रकारों को सीधा जवाब दे दिया। एक पत्रकार ने पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सहमति कितनी बनी है? इस पर केजरीवाल ने कहा कि अभी उस दिशा में कोई सहमति नहीं है। गठबंधन को लेकर एक अन्य सवाल पर उन्होंने साफ कहा, 'उन्होंने (कांग्रेस) लगभग मना कर दिया है।' 

केजरीवाल ने दिल्ली में गठबंधन को लेकर कांग्रेस ने 'लगभग मना कर दिया.' उनका यह बयान बुधवार देर रात तक विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद आया है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल थे. केजरीवाल ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ' हमारे मन में देश को लेकर बहुत ज्यादा चिंता है। इसी वजह से हम लालायित हैं. उन्होंने (कांग्रेस) लगभग मना कर दिया।'


बता दें, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति के लिए एनसीपी नेता शरद पवार के घर हुई बैठक में अरविंद केजरीवाल शामिल थे। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी थे। बैठक के बाद राहुल गांधी के बयान से संकेत मिला है कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब केजरीवाल से पूछा गया कि आप गठबंधन को लेकर काफी लालायित दिख रहे हैं तो उनका जवाब था, 'हमारे मन में देश के लिए बहुत ज्यादा चिंता है। हम देश की परिस्थितियों को देख रहे हैं कि किस तरह से 5 साल में भाईचारा खराब किया गया। नोटबंदी जैसे गलत फैसले लिए गए। भीड़ हिंसा बढ़ने के साथ ही संस्थानों को बर्बाद किया जा रहा है, इसी वजह से हम लालायित हैं।'

उन्होंने कहा कि आज पूरा देश चाहता है कि मोदी और शाह की जोड़ी को हराया जाए और इसलिए जरूरी है कि बीजेपी के खिलाफ एक ही उम्मीदवार खड़ा किया जाए, जिससे वोट न बंटे। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ 2 कैंडिडेट खड़े होते हैं और इससे बीजेपी को फायदा होता है तो यह बात सभी दलों को समझनी पड़ेगी। यूपी में एसपी, बीएसपी के अलावा अगर कोई कैंडिडेट खड़ा होता है तो इससे बीजेपी को फायदा होगा। 

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