यमुना घाट पर जुटे मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गई: अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गई.

Update: 2020-04-15 14:19 GMT

मुंबई के बांद्रा के बाद दिल्ली में बुधवार को लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई गईं. दिल्ली में यमुना नदी के किनारे अचानक हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो गए. ये प्रवासी मजदूर जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गई.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना घाट पर मजदूर इकट्ठा हुए. उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है. उन्हें तुरंत शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं. रहने और खाने की कोई कमी नहीं है. किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं. बताया जा रहा है कि इन लोगों को दिल्ली के अलग-अलग शेल्टर होम ले जाने का प्रयास हो रहा है. हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये मजदूर अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए यहां इक्ट्ठा हुए हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है.



मुंबई के बाद दिल्ली में मजदूरों का जमावड़ा लग गया. रैन बसेरा में आग लगने से हजारों की संख्या में मजदूर बेघर हो गए हैं. इसके बाद इन प्रवासी मजदूरों को शेल्टर भेजा जा रहा है, जिससे यमुना के किनारे मजदूरों की भीड़ एकत्रित हो गई. इस दौरान लोगों ने जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई हैं. बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन आनन-फानन में मौके पर पहुंचा और लोगों की भीड़ को हटाने की कोशिश कर रहा है.

बता दें कि मुंबई (Mumbai) के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कुछ घंटों में हजारों लोगों की भीड़ जुट गई थी. बिहार, उत्तर, झारखंड और बंगाल के ये मजदूर अपने घर जाने के लिए बांद्रा स्टेशन पर आए थे. स्थानीय पुलिस ने कई बार इन लोगों को समझाने की कोशिश की कि देश में 3 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ा दिया गया है, इसलिए आप लोग वापस अपने घर लौट जाएं. इसके बावजूद ये मजदूर अपने घर लौटने को तैयार नहीं थे. इस पर पुलिस को इन लोगों पर लाठीचार्ज कर भगाना पड़ा. 

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