राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, मनमोहन सिंह ने 'राजधर्म' को दिलाया याद तो सोनिया गांधी ने कर दी बड़ी मांग

पीएम मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह 'राजधर्म' की रक्षा के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करें. सिंह ने कहा कि 'राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा शर्मनाक है. राजधानी में हिंसा शर्मनाक है.'

Update: 2020-02-27 07:51 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में के एक हिस्से में हुई हिंसा पर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान एक प्रेस वार्ता में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह 'राजधर्म' की रक्षा के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करें. सिंह ने कहा कि 'राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा शर्मनाक है. राजधानी में हिंसा शर्मनाक है.'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रही. दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की. हिंसा की वजह से अब तक 34 लोगों की मौत हुई, 200 से अधिक लोग घायल हैं. करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ. इस मेमोरेंडम में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ ही पीड़ितों को मदद मुहैया कराने की मांग की गई है।

इसके साथ सोनिया गांधी ने कहा कि घटना को लेकर कार्रवाई करने की बजाय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोई कार्यवाही नहीं की, जिसकी वजह से 34 लोगों की जान चली गई. सोनिया गांधी ने एक बार फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और कहा कि वह स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुए हैं।

 राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे।

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