दिल्ली में कोरोना ने बनाया नया रिकॉर्ड, एक दिन में 4500 के करीब नए मरीज मिले, एक्टिव केस भी बढ़कर 30 हजार के पार
दिल्ली में फिलहाल संक्रमण की दर 7.15 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु-दर 2.1 प्रतिशत हो गई है।
राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों ने एक बार फिर आम इंसान से लेकर सरकार तक सभी की चिंता बढ़ा दी है। यहां एक्टिव केस से लेकर कंटेनमेंट जोन तक सभी में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली में फिलहाल संक्रमण की दर 7.15 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु-दर 2.1 प्रतिशत हो गई है।
बुधवार को दिल्ली में कोरोना के करीब 4,500 नए केस मिलने के बाद यहां संक्रमितों की कुल संख्या 2 लाख 30 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं आज संक्रमण से 33 और लोगों की मौत होने से मृतकों संख्या भी बढ़कर 4,839 हो गई। इसके साथ ही एक्टिव केस भी बढ़कर करीब 31 हजार के करीब पहुंच गए हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 4,473 नए मरीज मिले हैं, वहीं, 33 मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 2,30,269 हो गई है। आज दिल्ली में 3081 मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपने घर चले गए।
राजधानी में आज कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव मामले भी बढ़कर 30,914 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल 1,94,516 मरीज इस महामारी को मात देकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 4839 हो गई है।
कंटेनमेंट जोन की संख्या में 45% इजाफा, होम आइसोलेशन के केस भी 50% बढ़े
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, आज दिल्ली में कुल 62,593 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 11,275 आरटीपीआर/ सीबीएनएएटी / ट्रूनैट टेस्ट और 51,318 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। दिल्ली में अब तक कुल 2,30,9578 जांचें हुई हैं और प्रति 10 लाख लोगों पर 1,21,556 टेस्ट किए गए हैं। इसके साथ ही राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़कर 1637 हो गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में जून में तीव्र वृद्धि हुई थी, लेकिन यह जुलाई में धीमी हो गई थी। मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इलाज के लिये दिल्ली के बाहर से मरीजों का आना, आर्थिक गतिवधियों को बहाल करना, कई लोगों का मास्क नहीं पहनना और सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियमों का पालन नहीं करना पिछले कुछ दिनों में यहां प्रतिदिन मामले बढ़ने का कारण हो सकता है।