Lockdown: घर पहुंचने से पहले थमा जिंदगी का सफर, कोरोना के भय से पैदल चलते-चलते मजदूर की मौत
लॉकडाउन में दिल्ली से पैदल मध्य प्रदेश के मुरैना जा रहे एक युवक की शनिवार सुबह सिकंदरा के कैलाश मोड़ पर हालत बिगड़ गई। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे अस्पताल लेकर आई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों को सूचना दे दी गई है। मृतक रघुवीर पुत्र राम लाल (40) निवासी गांव बरफड़ा, मुरैना का रहने वाला था। दिल्ली के तुगलकाबाद में एक रेस्टोरेंट में काम करता था। यह रेस्टोरेंट्स फूड सर्विस से जुड़ा हुआ है। रघुवीर डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था। लॉकडाउन के बाद घर लौट रहा था।
साधन नहीं होने की वजह रघुवीर पैदल ही घर आ रहा था। वो दिल्ली से अपने घर के लिए दो साथियों संजय व एक अन्य के साथ चल दिया। शनिवार सुबह पांच बजे सिकंदरा के कैलाश मोड़ पर गुप्ता हार्डवेयर के सामने पहुंचते ही अचानक सीने में दर्द हुआ।
हार्डवेयर शॉप मालिक वहां पर खड़े थे। उन्होंने उसको परेशान देखा तो पास पहुंचे। रघुवीर ने उन्हें सीने में दर्द होने की बात कही। उन्होंने सोचा कि पैदल चलने की वजह से हो रहा होगा। दुकान के सामने तिरपाल बिछाकर उन्होंने आराम करने को कह दिया। घर से चाय और बिस्कुट लाकर उसे खिलाए। इसके बाद तबियत बिगड़ती गई। उसने अपने साले से फोन पर बात की। साले ने कहा कि पुलिस को फोन मिलाओ, लेकिन तब तक उसकी हालत बिगड़ गई। एक राहगीर मदद के लिए आया। रघुवीर सड़क पर गिर पड़ा।
सूचना पर पुलिस पहुंची और उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक के अनुसार आशंका है कि हार्ट अटैक से मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर ही यह स्पष्ट हो सकेगा। रणवीर के साले अरविंद सुबह नौ बजे पहुंच गए।
हजारों मजदूर आ रहे पैदल
कोरोना वायरस से जंग को देश में लॉकडाउन होने के बाद बड़े शहरों से हजारों मजदूर अपने घर लौट रहे हैं। कोई वाहन चलने की वजह से उन्हें पैदल ही आना पड़ा रहा है। इससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।