लॉकडाउन का सबसे बड़ा फायदा दिल्ली को हुआ, केजरीवाल सरकार नहीं कर सकी कभी ये काम?
जिसमें उनके स्तर श्रेणी में ऊपर से नीचे चले गए और 17 शहर ‘संतोषजनक’ श्रेणी में और 7 शहर ‘अच्छी’ श्रेणी में आ गए हैं.
नई दिल्ली: लॉकडाउन ने भले ही देश की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया हो, लेकिन पर्यावरण के लिए यह वरदान साबित हुआ है. सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो मौजूद हैं, जो लॉकडाउन के सकारात्मक परिणामों को दर्शाते हैं. इस बीच, वायु प्रदूषण की मार झेलने वाले दिल्ली से भी अच्छी खबर सामने आई है. पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है. पिछले सप्ताह तक नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस में 63 प्रतिशत की कमी रिकॉर्ड की गई थी.
आंकड़े बताते हैं कि देशव्यापी लॉकडाउन ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को 5 साल के निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मार्च 2016 में कुल 6 शहर अच्छे वायु गुणवत्ता सूचकांक वाले थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 30 तक पहुंच गई है.
कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए भारत लॉकडाउन मोड में चल रहा है. लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा गया है. संक्रमण के यहां 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और मरने वालों का आंकड़ा 199 तक जा पहुंचा है. मौजूदा हालात को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाया जाना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, सरकार को फैसला लेना अभी बाकी है.
वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने जब से देशव्यापी लॉकडाउन लगाया है. निर्माण संबंधी कार्य रुक गए हैं, सड़कों पर वाहनों की आवाजाही न के बराबर है. इस वजह से वायु प्रदूषण में कमी आई है और देशभर में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गंगा किनारे वाले शहरों में AQI वैल्यू में काफी सुधार पाया गया है. जिसमें उनके स्तर श्रेणी में ऊपर से नीचे चले गए और 17 शहर 'संतोषजनक' श्रेणी में और 7 शहर 'अच्छी' श्रेणी में आ गए हैं.