कोरोना संकट केे बीच द‍ि‍ल्‍ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, इस बार नहीं होंगी गर्मी की छुट्टि‍यां

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राष्‍ट्रीय राजधानी में सभी अदालते जून 2020 माह में पूरी तरह से काम करेंगी।

Update: 2020-04-09 13:08 GMT

कोरोना वायरस संकट की इस घड़ी में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि इस बार हाईकोर्ट और उसके अधिनस्थ अन्‍य अदालतों में गर्मियों की छु‍ट्ट‍ियां नहीं होंगी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राष्‍ट्रीय राजधानी में सभी अदालते जून 2020 माह में पूरी तरह से काम करेंगी।

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीयकरण के लिए याचिका

देश में कोविड-19 महामारी पर अंकुश लगने तक देश में सारी स्वास्थ्य सुविधाओं और उनसे संबंधित इकाईयों का राष्ट्रीकरण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका एक स्थानीय अधिवक्ता अमित द्विवेदी ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि भारत में इस महामारी से निबटने के लिए जन स्वास्थ सेवाओं की समुचित व्यवस्था का अभाव है।

याचिका में केंद्र और सभी राज्य सरकारों को सारी स्वास्थ्य सुविधाओं का राष्ट्रीयकरण करने और सारी स्वास्थ्य सेवाओं, संस्थाओं, कंपनियों और उनसे संबद्ध इकाईयों को महामारी से संबंधित जांच और उपचार मुफ्त में करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को ही सभी निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 संक्रमण की जांच नि:शुल्क करने का निर्देश देते हुए टिप्पणी की थी कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में उन्हें उदार होने की जरूरत है।



आईसीएमआर के एक परामर्श के तहत निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 की जांच के लिए 4,500 रुपए कीमत रखी थी। इस याचिका में कहा गया है कि भारत में कम बजट के आबंटन की वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य का क्षेत्र हमेशा ही खस्ताहाल रहा है लेकिन इसी दौरान निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का जबर्दस्त विकास हुआ है।

 

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