दिल्ली: गणेश चतुर्थी पर सामूहिक मूर्ति विसर्जन और मुहर्रम जुलूस पर लगी पाबंदी

डीपीसीसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा

Update: 2020-08-16 15:07 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोविड-19 के मद्देनजर आगामी त्योहारों से पहले जिला मैजिस्ट्रेटों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के मुताबिक, गणेश चतुर्थी के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने और मोहर्रम के दौरान जुलूस निकालने की अनुमति न देने को कहा गया है।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने इस साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा विसर्जन, बड़ी संख्या में एकत्र होने और सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने पर प्रतिबंध लगाया था। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक अधिकारी के अनुसार सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने की अनुमति नहीं है क्योंकि महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सामूहिक रूप से एकत्रित होने की मनाही है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2015 के आदेश के अनुसार यमुना में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए थे।

...तो देना पड़ेगा 50 हजार का जुर्माना

अधिकारी ने कहा कि इस साल संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए यह भी संभव नहीं है। डीपीसीसी के अनुसार आगामी पर्व पर यमुना या किसी अन्य जलाशय, सार्वजनिक स्थल, तालाब या घाट पर प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। डीपीसीसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने लोगों से कहा है कि वे घर में ही बाल्टी या किसी अन्य पात्र में विसर्जन की रीति पूरा करें।

डीपीसीसी ने भी दिए निर्देश

डीपीसीसी ने नगर निगमों और जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से जारी 'अनलॉक तीन' के दिशा निर्देशों के अनुसार 'गणेश पूजा और मूर्ति विसर्जन जैसे धार्मिक आयोजन और सामूहिक रूप से एकत्र होने की अनुमति नहीं है' तथा इस आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए। डीपीसीसी ने मूर्ति बनाने और बेचने वालों से प्राकृतिक वस्तुओं से मूर्ति बनाने को कहा है। प्लास्टर ऑफ पेरिस या पकाई गई मिट्टी से मूर्ति बनाने पर प्रतिबंध है। गणेश चतुर्थी का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

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