जापान में आया फिर से शक्तिशाली भूकंप रिएक्टर स्केल पर इतनी तीव्रता

जापान में एक बार फिर से शक्तिशाली भूकंप आया है। इससे पहले भी 24 मार्च शुक्रवार को जापान के इजू आईसलैंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इन झटकों की तीव्रता 4.6 दर्ज की गई

Update: 2023-03-28 10:47 GMT

जापान में एक बार फिर से शक्तिशाली भूकंप आया है। इससे पहले भी 24 मार्च शुक्रवार को जापान के इजू आईसलैंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इन झटकों की तीव्रता 4.6 दर्ज की गई

Japan: उत्तरी जापान में भूकंप के तेज झटके फिर से महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह भूकंप 2:48 पर आया था जिसकी तीव्रता 6.1 दर्ज की गई है। भूकंप के आने के बाद लोग अपने घरों और दफ्तरों के बाहर निकल कर खड़े हो गए। वहीं महिलाएं और बच्चे जान बचाकर भागने लगे ताकि उनकी जान बच सके हालांकि अभी तक किसी की भी जान माल की कोई नुकसान की खबर नहीं आई है।

इससे पहले भी 24 मार्च शुक्रवार को जापान के इजू आईलैंड्स में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। स्केल पर इन झटकों की तीव्रता 4.6 दर्ज की गई थी। यह पृथ्वी मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। यह प्लेट हर साल अपने स्थान से खिसकती हैं। यह हर साल 5 से 6 मिलीमीटर तक खिसक जाती है। यह होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों ही तरीके से अपनी जगह से हिल सकती है। इस क्रम में अगर कोई भी प्लेट दूसरी प्लेट के निकट आ जाती है तो कोई दूर हो जाती है इस दौरान यह प्लेट कभी-कभी एक दूसरे से टकरा भी जाती हैं और इस टकराव के कारण ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। ऐसे स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे ज्यादा लगता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। इसकी तीव्रता का मापक रिक्टर स्केल होता है। रिक्‍टर स्‍केल पर यदि 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की तरफ होती है तो प्रभाव क्षेत्र कम होता है। भूकंप की जितनी गहराई में आता है, सतह पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही कम महसूस की जाती है।

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