राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का सरकार पर गुस्सा कहा- 10 लाख का स्विमिंग पूल बनवाए लेकिन पेंशन नहीं दिए

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संविधान की सीमाएं लांघती है, फिजूलखर्ची करती है लेकिन कर्मियों को समय पर सैलरी और पेंशन तक नहीं देती है।

Update: 2023-11-11 09:31 GMT

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य में सरकार चलाने के तरीके को लेकर सीएम पिनाराई विजयन की शख्त लहजे में आलोचना की। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ''नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित किया गया था। यह राज्य का विषय नहीं है। इस बारे में केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव कैसे पारित किया जा सकता है।'' गलत नीतियों के कारण उन लोगों की पेंशन भी रोकी जा रही है, जिन्होंने जीवन भर काम किया। जबकि जो लोग राजनीतिक पेंशनभोगी थे, उनकी पेंशन हमेशा समय पर दी जाती है। आरिफ खान ने कहा, ''मंत्रियों के घरों 10-10 लाख में स्विमिंग पूल बनाए जा रहे हैं। यह फिजूलखर्ची है।''

आरिफ बोले- हम अदालत की आदेशों से बंधे हैं

जब उनसे राज्यपाल और राज्य के बीच विवाद के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने क्या टिप्पणी की इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ''उनकी जानकारी के अनुसार, केरल के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट हर किसी के लिए पवित्र गाय की तरह है। वे जो भी कहेंगे उसका पालन किया जाएगा क्योंकि हम सभी अदालत के आदेशों, फैसलों और निर्णयों से बंधे हैं।" राज्यपाल के पास लंबित विधेयकों पर मुख्यमंत्री के आरोपों के जवाब में उन्होंने कहा कि नियम बहुत स्पष्ट हैं कि विधानसभा में कोई विधेयक पेश करने से पहले राज्यपाल की अनुमति लेनी होगी। राज्य के मंत्री अपने साथ मुद्दे को लेकर आए और मिले। आगे उन्होंने कहा, मुझे मुख्यमंत्री द्वारा लिखा एक पत्र दिखाया गया। जब मैंने उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि चूंकि पत्र मुख्यमंत्री ने लिखा है, इसलिए वे इस पर स्पष्टीकरण नहीं दे सकते।

विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन बोले- राज्य बर्बादी के कगार पर

अब इस पूरे मामले पर वी. डी. सतीशन ने कहा कि केरल पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर है, क्योंकि राज्य वित्तीय संकट में है। एक तरफ, आसमान छूती कीमतों के कारण लोगों का गला घोंटा जा रहा है, इसी तरह उपयोगिता सेवाओं के शुल्क सहित सभी कर बढ़ गए हैं और दूसरी तरफ सरकार सोने के व्यापारियों और बार मालिकों से कर नहीं ले रही है। हम सभी ने जीएसटी-इंटेलिजेंस के एक शीर्ष अधिकारी को विजयन द्वारा सम्मानित होते देखा था और अब यह सामने आया है कि उन्होंने हाल ही में समाप्त हुई बेकार केरलायीम जंबोरी के लिए दान के माध्यम से धन जुटाना था।

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