IAS Success Story: तीन बार यूपीएससी परीक्षा में फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार चौथे प्रयास में हुई सफल और बन गई आईएएस
मीरा ने बीटेक करने के बाद किसी अच्छी कंपनी में बेहतर पद पर और अच्छे पैकेज में जॉब करना नहीं चुना बल्कि उन्होंने यूपीएससी सिविल परीक्षा में सफल होकर लोगों को अपना जुनून दिखा दिया
मीरा ने बीटेक करने के बाद किसी अच्छी कंपनी में बेहतर पद पर और अच्छे पैकेज में जॉब करना नहीं चुना बल्कि उन्होंने यूपीएससी सिविल परीक्षा में सफल होकर लोगों को अपना जुनून दिखा दिया इसके लिए उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में अगर कोई विद्यार्थी फेल हो जाए तो वह एक या दो बार फेल होने के बाद निराश हो जाता है असफल होने के बाद भी कई कैंडिडेट तो यूपीएससी परीक्षा करने का सपना ही छोड़ देते हैं। हालांकि, कुछ इनसे इतर होते हैं। वे न तो अपनी राह बदलते हैं और न ही प्रयास करना छोड़ते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि फाइनली वे अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो जाते हैं। आज की कहानी ऐसी ही एक महिला की है, जिसने परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। इस महिला का नाम है मीरा के.। मीरा ने अंत में अपने चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। कैसा था, उनका सफर आइए जानते हैं। मीरा केरल से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई यहीं से पूरी की इसके बाद उन्होंने त्रिशूल के एक सरकारी कॉलेज से बीटेक की डिग्री पूरी की। बीटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद मीरा ने किसी कंपनी में बेहतर पद और पैकेज पर जॉब करना नहीं स्वीकार किया। उन्होंने यूपीएससी सिविल परीक्षा को पैक करने का फैसला किया इसके लिए उन्होंने एक सटीक रणनीति बनाई। इस दौरान, उन्होंने पारंपरिक किताबों के साथ-साथ कुछ विषयों में एनसीईआरटी का भी अध्ययन किया। साथ ही, कई किताबों को पढ़ने के बजाए उन्होंने सीमित बुक्स से अच्छे ढंग से सभी टॉपिक्स को पढ़ा।पूरी तैयारी के साथ मीरा के पहली बार परीक्षा में बैठी और फेल हो गईं। यह मीरा के साथ एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। वे डटी रहीं। दिन-रात पढ़ाई करती रहीं। अपनी कमियों पर काम करती रहीं। इसके बाद अंत में वे एक बार फिर परीक्षा में बैठीं। अंत में चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की। 2020 में मीरा ने 6वीं रैंक हासिल की थी। मीरा की इस सफलता की कहानी को सुनकर कई महिलाएं उन्हें अपना आइडियल भी मारने लगेंगे लेकिन मीरा की यह कहानी सच में प्रेरणादायक है और लोगों को इनसे सीखना चाहिए कि मुश्किल वक्त में भी इंसान को हार नहीं माननी चाहिए।