देश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज मे नहीं हो रहे हैं बीटेक टेक्सटाइल की सीटों पर एडमिशन, 5 साल से खाली पड़ी है सीटें
दिल्ली के आईआईटी कॉलेज में टेक्सटाइल कोर्स की सीटें पड़ी है खाली नहीं ले रहा कोई एडमिशन
IIT Delhi Admission: IIT Delhi मे इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए स्टूडेंट काफी संख्या में देखे जा सकते हैं लेकिन यहां एक ऐसा कोर्स भी है जिसमें स्टूडेंट्स दाखिला नहीं लेना चाहते हैं और जिसकी सारी सीटें खाली रह जाती हैं. यह बात हम नहीं बल्कि पिछले 5 साल के आंकड़े बता रहे हैं. देश के सबसे प्रतिष्ठित और टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज मे से एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट का सपना होता है कि वह इस कॉलेज में एडमिशन ले. आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेने के लिए छात्र इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (JEE) में हाई रैंक हासिल करने के लिए मेहनत भी करते हैं.
इस कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए स्टूडेंट्स के बीच होड़ मची रहती है लेकिन इस इंजीनियरिंग कॉलेज में एक ऐसा कोर्स भी है जिसके लिए छात्रों की लाइन तो क्या इसकी सीटें भी पूरी फुल नहीं होती है. तो आइए जानते हैं कौन सा है वह कोर्स
आईआईटी दिल्ली के जिस कोर्स की सीटें खाली रह जाती हैं वह बीटेक टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का कोर्स है. आईआईटी दिल्ली देश का टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज है. ऐसे में यहां पर सीटें खाली रह जाना बहुत बड़ी बात होती है. पिछले 5 सालों में इस कोर्स पर लगातार स्टूडेंट की संख्या कम ही हुई है और यह कोर्स स्टूडेंट के बीच पॉपुलर भी नहीं है.
एकेडमिक ईयर कुल सीटें एडमिशन
2017-18 105 104
2018-19 105 104
2019-20 120 116
2020-21 116 111
2021-22 116 95
रिपोर्ट के अनुसार एकेडमिक ईयर 2017-18 से 2021-22 के बीच टैक्सटाइल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में जेईई एडवांस के जरिए दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम हो गई है और इस कोर्स में लगातार छात्रों की संख्या कम ही होती जा रही है क्योंकि इस कोर्स के लिए स्वीकृत सीटों की कुल संख्या में इजाफा हुआ है, जबकि हर साल खाली सीटों की संख्या बढ़ती रही है.
आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रमुख professor SM इश्तियाक का कहना है कि आमतौर पर स्टूडेंट्स टेक्सटाइल और बायो मेडिकल कोर्स को कम ही चुनते हैं. उन्होंने बताया कि यहां प्रावधान है कि अगर स्टूडेंट फर्स्ट ईयर में अच्छा परफॉर्म करता है तो वह किसी भी अन्य डिपार्टमेंट में चेंज कर सकता है. ऐसे में स्टूडेंट्स ज्यादा डिमांड वाले कोर्स मे स्विच कर जाते हैं. ऐसे में इस कोर्स की सीटें अधिकतर खाली हो जाती हैं और स्टूडेंट्स इस कोर्स को करना कम ही पसंद भी करते हैं. पिछले साल के आंकड़ों में जहां इंजीनियरिंग कॉलेज के अन्य कोर्सों को काफी पसंद किया गया है वही टेक्सटाइल कोर्स को स्टूडेंट्स नहीं करना चाहते हैं.