Indian Railways: क्या आपको पता है कि फर्स्ट एसी टिकट बुक कराने पर आखिर उसी वक्त क्यों नहीं मिलते हैं सीट नंबर जानिए वजह

फर्स्ट एसी की टिकट बुक करते समय हमें तुरंत ही सीट नंबर नहीं मिलते हैं। सीट नंबर की जानकारी गाड़ी चलने के ठीक4 से 5 घंटे पहले ही पता चलता है। जब संबंधित ट्रेन का चार्ट तैयार हो जाता है। आखिर इसके पीछे क्या है वजह

Update: 2023-04-06 06:34 GMT

First AC ticket Booking: फर्स्ट एसी की टिकट बुक करते समय हमें तुरंत ही सीट नंबर नहीं मिलते हैं। सीट नंबर की जानकारी गाड़ी चलने के ठीक4 से 5 घंटे पहले ही पता चलता है। जब संबंधित ट्रेन का चार्ट तैयार हो जाता है। आखिर इसके पीछे क्या है वजह

Indian Railways First AC Ticket Booking: जब भी हम आईआरसीटीसी की ऐप के तहत टिकट बुक करते हैं तो हमें उसी वक्त कंफर्म टिकट की सारी डिटेल्स मिल जाती है। स्लीपर, थर्ड एसी और सेकंड एसी की टिकट बुक करने पर हमें कोच संख्या, सीट नंबर समेत तमाम जानकारियां उपलब्ध हो जाती है लेकिन जब हम फर्स्ट एसी की टिकट बुक करते हैं तो ऐसा नहीं होता है, फर्स्ट एसी की टिकट बुक करते वक्त हमें सीट नंबर नहीं मिलता है, हमें सीट नंबर गाड़ी चलने के ठीक 4, 5 घंटे पहले ही पता चल पाता है। जब उस ट्रेन का चार्ट तैयार हो जाता है लेकिन क्या आपको इसके पीछे की सही वजह पता है??

फर्स्ट एसी का टिकट बाद में क्यों मिलता है?

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे की सभी ट्रेनें जिसमें फर्स्ट एसी का डिब्बा होता है उसमें 4 और 2 सीटों वाले अलग-अलग कंपार्टमेंट होते हैं। दो सीटों वाले कंपार्टमेंट को कूपे भी कहा जाता है.भारतीय रेलवे सबसे पहले सभी सीटों को भरने का इंजतार करती है और जैसे ही सभी सीटें बुक हो जाती हैं तो सुविधानुसार सभी को सीट उपलब्ध कराती है. कूपे में कपल या फिर दो लोग एक साथ सफर करने वाले लोगों को प्रोवाइड कराते हैं. या फिर कूपे अधिकारी या अपर क्लास जैसे सांसद-विधायक के लिए रिजर्व करते हैं. इसके बाद चार सीटों वाले कंपार्टमेंट में यदि चार लोगों ने एक साथ बुक किया है तो उन्हें देते हैं.

प्रेफरेंस के हिसाब से दी जाती है टिकट

जिन्हें कूपे यानी 2 सीटों वाले कंपार्टमेंट नहीं मिला। उन्हें 4 सीटों वाला कंपार्टमेंट में दो अन्य कपल के साथ एडजस्ट कर देते हैं। यदि किसी सिंगल शख्स ने फर्स्ट क्लास एसी की बुकिंग कराई है तो तीन पैसेंजर्स के साथ 4 सीट वाले कंपार्टमेंट में उसे एडजस्ट कर दिया जाता है। इस प्रकार से अवेलबिलिटी के हिसाब से टिकट दिया जाता है. यानी रेलवे पहले सभी बुकिंग होने के बाद लोगों के सुविधानुसार बोगी प्रोवाइड कराती है, ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो.

फर्स्ट एसी का बंटवारा बुकिंग के अनुसार होता है. अलग-अलग प्रेफरेंस के हिसाब से ही फर्स्ट एसी की टिकट दी जाती है. इसमें रेलवे प्राइवेसी का खास ख्याल रखती है.

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