दक्षिण भारत में I.N.D.I.A.के लिए आसान हो सकता है लोकसभा चुनाव जीतना, 131 है दांव पर
दक्षिण भारत के पांच राज्यों में कहीं भी बीजेपी की सरकार नहीं है। केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में से तीन राज्यों में विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक से जुड़ी पार्टियों का शासन है।
दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जो सरकारें हैं, वह न तो इंडिया ब्लॉक में शामिल हैं और न ही केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी या एनडीए के साथ ही जुड़ी हुई हैं। इन पांचों राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर दक्षिण भारत में लोकसभा की 131 सीटें हैं। जाहिर है कि दक्षिण भारतीय राज्यों में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इंडिया ब्लॉक अपने लिए बेहतर संभावनाएं देख रहा है। लेकिन, अगर जमीनी राजनीति को देखें तो यहां के समीकरण में भी बीजेपी विरोधी विपक्षी गठबंधन के लिए मामला बहुत आसान नहीं लग रहा है।
इंडिया के लिए केरल का हाल
उदाहरण के लिए केरल को लिया जाए। यहां सीपीएम की अगुवाई वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF)की सरकार है, जो केंद्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक में शामिल है। लेकिन, यहां उसके विपक्ष में कांग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट खड़ा है, जो मौजूदा कम्युनिस्ट सरकार पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है। दोनों गठबंधनों के जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच तो और भी दुश्मनी वाले हालात हैं। इंडिया ब्लॉक के लिए आपस में तालमेल करना केरल में सबसे बड़ी चुनौती होगी। वैसे विपक्ष दल इस बात से संतोष कर सकते हैं कि जीत जिसकी भी हो, वह इंडिया गठबंधन का ही माना जाएगा।
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