जाने कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? कब करना है दान ? कब करना है स्नान? और कब है पूजा का मुहूर्त?? जाने सब कुछ
हिंदू धर्म में पूर्णमासी और अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से खूब पुण्य लाभ मिलता है।
हिंदू धर्म में पूर्णमासी और अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से खूब पुण्य लाभ मिलता है। इसी हफ्ते ज्येष्ठ पूर्णिमा पड़ रही है.सनातन धर्म के अनुसार पूर्णिमा को विशेष तिथि मानी गई है।
उस पर कुछ पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है।पूर्णिमा तिथि महीने का आखिरी दिन होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से और दान करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है।ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा आने में अब कुछ ही दिन बाकी है।
इस पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने पर आपको सुख समृद्धि और धन का लाभ होता है। साथ ही सारे दुख दूर होते हैं. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना तनाव दूर करके मानसिक शांति और मजबूती देता है.
हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 03 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर प्रारंभ होगी और 04 जून की सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी.
जैसा कि सभी जानते हैं कि पूर्णिमा वाले दिन चंद्र देव की उपासना की जाती है और इस उपासना का बड़ा महत्व है। इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 3 जून 2023 शनिवार को रखा जाएगा। वही पूर्णिमा स्नान के लिए शुभ समय 4 जून 2023 की सुबह होगी पूर्णिमा स्नान के बाद गरीबों को दान अवश्य दें।
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन दो अत्यंत लाभ योग का संयोग बन रहा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अनुराधा नक्षत्र रहेगा और सिद्ध योग भी बन रहा है.
पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने या पढ़ने का भी बहुत महत्व है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख सौभाग्य धन वैभव ऐश्वर्य सब कुछ मिलता है।
जीवन खुशियों से भर जाता है।इसके अलावा पूर्णिमा की रात चंद्र देव को अर्घ्य देकर उनकी उपासना भी करें। इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है ,स्ट्रेस दूर होता है।यदि कुंडली में चंद्र दोष है तो वह भी दूर हो जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय भी बताए जाते हैं जिनको करने से घर में खुशहाली और सुख समृद्धि आती है।ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़िया चढ़ा दें और फिर उस पर हल्दी से तिलक करें।
इसके बाद दूसरे दिन इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने वाले स्थान में रख देना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन किसी गरीब, जरूरतमंद या ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती का दान करना चाहिए.
ऐसा जातक की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है.ऐसी मान्याता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी वास करने आती हैं.
ऐसे मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से धन की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा