दिल्ली को रियायत दिलाने की कोशिश, दिल्ली सरकार ने निकाला ये तरीका
देश की राजधानी दिल्ली पूरी रेड जोन घोषित है क्योंकि यहां के सभी 11 जिले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रेड जोन माने गए हैं.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली पूरी रेड जोन घोषित है क्योंकि यहां के सभी 11 जिले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार रेड जोन माने गए हैं. ऐसे में जब 3 मई को दूसरा लॉकडाउन खत्म होगा और 4 मई को तीसरा लॉकडाउन शुरू होगा तो मौजूदा व्यवस्था के हिसाब से पूरी दिल्ली को वैसे ही चलना होगा जैसे शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी यानी कि रेड जोन की सबसे ज्यादा सख़्ती पूरी दिल्ली को झेलनी होगी. लेकिन दिल्ली वालों को लॉकडाउन और अत्याधिक सख्ती से राहत दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक प्लान बनाया है. सूत्रों के मुताबिक इस प्लान के तहत दिल्ली के अंदर कोरोना में मामले जिले के हिसाब से नहीं बल्कि वार्ड के हिसाब से चिन्हित करने का प्लान है. सूत्र बताते हैं कि अगर इस प्लान को मंजूरी मिलती है तो दिल्ली के अंदर रेड जोन के अलावा ऑरेंज और ग्रीन जोन भी होंगे.
दरअसल बात यह है कि दिल्ली के अंदर 11 जिले हैं जबकि 272 म्युनिसिपल वार्ड. केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण और उसके खतरे के मद्देनजर जो 3 जोन बनाए हैं वह जिले के हिसाब से बनाए हैं जबकि दिल्ली जिले के हिसाब से काम नहीं करती. सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों को वार्ड के हिसाब से रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन मैपिंग का पूरा प्लान लेकर आने को कहा है. एक अधिकारी ने बताया कि जिस इलाके में 3 या उससे अधिक कोरोना मामले हैं उसे रेड जोन, जिस इलाके में एक या दो मामले होते हैं उसे ऑरेंज जोन माना जाता है जबकि जिस इलाके में कोई भी कोरोना मरीज नहीं होता उसे ग्रीन जोन माना जाता है.
शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ एक मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंघला ने दिल्ली में कोरोना के मामलों का फैलाव, कंटेनमेंट जोन और वार्ड के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन मैपिंग की जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि एक बार यह प्लान पूरी तरह से तैयार हो जाए तो इसको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अगर इजाजत मिल गई तो दिल्ली में रेड,ऑरेंज और ग्रीन जोन तीनों होंगे. दिल्ली में इस समय करीब 100 हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन है जिनमें करीब 6 लाख की आबादी रहती है जो कि दिल्ली की कुल आबादी का केवल 3 फ़ीसदी है जबकि दिल्ली के कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल एक फ़ीसदी इलाका ही कंटेनमेंट जोन बना हुआ है.