दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के ताज़ा छापों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ सबूत तलाशने के लिए केंद्रीय एजेंसियों ने सैकड़ों छापे मारे हैं लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा है कि क्योंकि उनके उपमुख्यमंत्री ने कुछ भी ग़लत नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के सैकड़ों अधिकारियों का समय 'गंदी राजनीति' के लिए बर्बाद किया जा रहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की ख़त्म कर दी गई आबकारी नीति से जुड़े इस मामले में कथित अनियमितताओं और पैसे के अवैध लेन-देन के सिलसिले में ईडी ने शुक्रवार को दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद के 35 ठिकानों पर छापेमारी की.
दिल्ली सरकारी की आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई की ओर से दर्ज कराई गई एफ़आईआर में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक अभियुक्त हैं. अरविंद केजरीवाल ने इन छापों पर ट्वीट कर कहा, "500 से ज़्यादा रेड, 3 महीनों से सीबीआई/ईडी के 300 से ज़्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ सबूत ढूँढने के लिए. कुछ नहीं मिल रहा. क्योंकि कुछ किया ही नहीं. अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है. ऐसे देश कैसे तरक़्क़ी करेगा?"
ईडी इस मामले में सीबीआई की एफ़आईआर के आधार पर ही जांच कर रही है. उसने अब तक इस केस में 103 छापे मारे हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की थी.
उन्होंने इस मामले में आबकारी विभाग के 11 अधिकारियों को निलंबित भी किया है. ईडी इस केस में अब तक आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक और तिहाड़ जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर चुकी है.