महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होना तय, एथिक्स कमेटी की बनाई रिपोर्ट को मिला 6 सांसदों का साथ

मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद और एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि आज कमेटी की रिपोर्ट को 6 सांसदों ने अपना समर्थन दिया और चार सांसदों ने इसका विरोध किया।

Update: 2023-11-09 13:23 GMT

कैश फॉर क्वैरी के मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी में शामिल सांसदों में से 6 सांसदों ने कमेटी की तरफ से तैयार की गई इस रिपोर्ट को अपना समर्थन दिया है। वहीं, 4 सांसदों ने इस रिपोर्ट के विरोध में अपना वोट डाला हैं। जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट के पक्ष में परिणीत कौर ने भी वोट किया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में महुआ के निष्कासन की सिफारिश की गई है। जल्द ही ये रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंपी जाएगी।

कमेटी के चेयरमैन ने दी जानकारी

मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद और एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि आज कमेटी की रिपोर्ट को 6 सांसदों ने अपना समर्थन दिया और चार सांसदों ने इसका विरोध किया। अब यह जांच रिपोर्ट अपनी कमिटी की के साथ लोकसभा स्पीकर को भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब इस मामले में लोकसभा स्पीकर ही कार्रवाई करेंगे।

एक महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते- दानिश अली

वहीं, रिपोर्ट के खिलाफ अपनी राय रखते हुए बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर पर नियम 275 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक देश में दो कानून नहीं हो सकते। हम एक बात कह सकते हैं कि हमने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम डरेंगे नहीं। हम एक महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। हर किसी ने देखा है कि बीजेपी किस तरह महिलाओं का अपमान करने वालों के साथ खड़ी होती है, चाहे वह उन्नाव मामला हो या हाथरस मामला या बिलकिस बानो का मामला हो।

द्रौपदी के चीरहरण के बाद ही महाभारत हुई थी- जेडीयू सांसद

वहीं, कमेटी के अन्य एक सदस्य जेडीयू के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा कि चेयरमैन कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बिना हमसे चर्चा किए रिपोर्ट तैयार कर दी। बल्कि कायदा यह है कि क्रॉस क्वेश्चन के बाद कमिटी के सारे सदस्य बैठते और चर्चा की जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उनके पास बहुमत है लेकिन वह अपनी ताकतों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। द्रौपदी के चीरहरण के बाद ही महभारत की शुरुआत हुई थी।

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