मंत्री गिरिराज सिंह और मंत्री वी के सिंह लड़ सकते है अब इन नई सीट पर चुनाव
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की टिकटों के बंटवारे में भारी उलटफेर करने जा रही है। पार्टी के उम्मीदवारों की ताश के पत्तों की तरह अदलाबदली हो सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दस सांसदों की टिकट काट दी है और कई सांसदों की सीट बदल दी। उसी तरह भाजपा भी बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में कई सांसदों की टिकट काटेगी और कई सांसदों की सीटें बदलेगी। एंटी इन्कंबैंसी का असर कम करने के लिए कई हाईप्रोफाइल नेताओं की सीटों की अदलाबदली की जा रही है।
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से भाजपा की सांसद मेनका गांधी इस बार हरियाणा की करनाल सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। गांधी परिवार की बहू मेनका सिख परिवार से आती हैं। बताया जा रहा है कि करनाल सीट के मौजूदा सांसद अश्विनी चोपड़ा की सेहत के आधार पर टिकट कट सकती है। मेनका गांधी पीलीभीत सीट छोड़ती हैं तो सुल्तानपुर के सांसद और उनके बेटे वरुण गांधी इस सीट से लड़ सकते हैं। उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद सीट के सांसद रिटायर जनरल वीके सिंह की सीट भी बदलने की खबर है। बताया जा रहा है कि वे हरियाणा की हिसार सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
दिल्ली के कई सांसदों की टिकट कट सकती है या सीट बदल सकती है। बताया जा रहा है कि पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी को दिल्ली से गुजरात भेजा जा सकता है। उनके जूनागढ़ सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। ध्यान रहे वे श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े हैं। उनकी पूर्वी दिल्ली सीट खाली होती है तो वहां से डॉक्टर हर्षवर्धन चुनाव लड़ सकते हैं, जो अभी चांदनी चौक से सांसद हैं। उनकी जगह चांदनी चौक से विजय गोयल या सुधांशु मित्तल चुनाव लड़ेंगे।
उधर छत्तीसगढ़ में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को उनकी पुरानी राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ा सकती है। अभी उस सीट से उनके बेटे अभिषेक सिंह सांसद हैं। बिहार में पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह के नवादा की बजाय बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। पटना साहिब सीट से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह पार्टी कोई दूसरा हाईप्रोफाइल नेता उतार सकती है। इसी तरह लगभग हर राज्य में भाजपा ने सीटों की अदलाबदली या सांसदों की टिकट काटने का इरादा बनाया है।