धीरेन्द्र अवाना
नोएडा।जल है तो कल है लेकिन हमारा मानना है कि जल के बिना इस सृष्टि के होने की कल्पना करना ही बेकार है क्योंकि इस पृथ्वी पर 75% जल है और 25 % ज़मीन इसलिए हमें इस पृथ्वी को बचाना है तो जल को बचाना ही होगा ये कहना था धानुका ग्रुप के चेयरमैन राम गोपाल अग्रवाल का जिन्होंने विश्व जल दिवस और नव संवत दिवस 2080 को बहुत भव्य रूप से मनाया। इस अवसर पर माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व् राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला उपस्थित हुए।
नरेंद्र सिंह तोमर ने देश में जल संरक्षण के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लोगों से भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस मूल्यवान संसाधन को बचाने के लिए पानी का कुशलता से उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने जल संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर और ड्रोन जैसी तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया। अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र तोमर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भूजल स्तर की स्थिति खतरनाक है, और सभी हितधारकों को जल संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।विजय सांपला ने सभी भारतवासियों से भारतीय नव वर्ष मानाने की अपील की और धानुका ग्रुप के जल बचाने के प्रयास की सराहना की।
धानुका ग्रुप के चेयरमैन राम गोपाल अग्रवाल ने बताया कि अगर हमें अपना कल बचाना है तो जल बचाना ही होगा , हमारा धानुका समूह एक दशक से अधिक समय से कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों में जागरूकता फैलाने और पानी के सतत उपयोग को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। इस अवसर पर 200 से अधिक स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिता सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए धानुका समूह के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर नरेंद्र तोमर ने दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के नवनिर्मित चित्र का भी अनावरण किया। यह चित्र, जिसमें 'जय जवान जय किसान' का नारा है, लोकसभा और राज्यसभा दोनों सहित संसद सदस्यों को प्रस्तुत किया जाएगा। नरेंद्र तोमर ने किसानों के कल्याण और प्रगति में शास्त्री जी के योगदान की सराहना की और उन्हें आज खाद्यान्न में भारत की आत्मनिर्भरता का श्रेय दिया। डॉ. रवींद्र नाथ पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), आईसीएआर-आईएआरआई, संजय नाथ सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान संघ और शास्त्री जी के पोते भी इस अवसर पर उपस्थित हुए। इस अवसर पर विश्व जल दिवस के समारोह के हिस्से के रूप में, पानी और संबंधित विषयों पर विभिन्न वृत्तचित्रों को प्रदर्शित किया गया, जिसमें नीति निर्माताओं, नौकरशाहों, शिक्षाविदों, उद्योग के प्रतिनिधियों और मीडिया के अलावा अन्य शामिल थे।