नई आबकारी नीति को लागू करने के क्रम में दिल्ली सरकार ने चार अलग-अलग तरह के लाइसेंसों का विलय कर दिया है। इससे शराब का सेवन करने वालों को भी एक ही जगह भारतीय व विदेशी ब्रांड मिलेगा और लाइसेंस लेने वाले भी एक लाइसेंस के तहत ही कई तरह की शराब की बिक्री कर सकेंगे।
राजधानी दिल्ली में 17 नवंबर लागू होने जा रही नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने स्वतंत्र रेस्टोरेंट (किसी भी कॉरपोरेट श्रृंखला से जुड़ा नहीं) में शराब परोसने के लिए जरूरी चार अलग-अलग लाइसेंसों का विलय कर दिया है। अब रेस्तरां में शराब परोसने के लिए अब एक ही लाइसेंस की जरूरत होगी।
इस संबंध में आबकारी आयुक्त द्वारा गुरुवार देर रात जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार मौजूद एल-17, एल-17 एफ, एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस का संयुक्त विलय एल-17 लाइसेंस के रूप में कर दिया जाएगा। एल-17 लाइसेंस की जरूरत स्वतंत्र रेस्टोरेंट में भारतीय शराब परोसने, जबकि एल-17 एफ लाइसेंस की जरूरत विदेशी शराब परोसना के लिए होती है। वहीं, एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस भारतीय रेस्टोरेंट में वाइन, बीयर और एल्कोपॉप के साथ भारतीय और विदेशी शराब परोसने के लिए हैं।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से लाइसेंस के कागजी कार्रवाई में कमी आएगी और लाइसेंसों की बहुलता के साथ व्यापार करने में आसानी होगी, जिसे चार लाइसेंसों के लिए एक के रूप में बदल दिया जाएगा।
नोटिफिकेशन के अनुसार एल-17 लाइसेंस की सालाना लाइसेंस फीस 1,000 वर्ग फुट तक के स्वतंत्र रेस्टोरेंट के लिए 5 लाख रुपये होगी। वही 1,001 से 2,500 वर्ग फुट क्षेत्र के रेस्टोरेंट के लिए 15 लाख रुपये और 2,500 वर्ग फुट से अधिक वाले रेस्टोरेंट के लिए 25 लाख रुपये देने होंगे।
एल-17 लाइसेंस के तहत किसी भी क्षेत्र में कोई भी भारतीय या विदेशी शराब परोस सकते हैं। इसमें खुली जगह जैसे बालकनी या छत या रेस्टोरेंट का निचला हिस्सा भी शामिल है। हालांकि, यह लाइसेंस देने से पहले शराब परोसने वाले क्षेत्र की जनता की नजर से समीक्षा की जाएगी। वहीं, लाइसेंस में निर्दिष्ट क्षेत्र से परे, लेकिन लाइसेंस के परिसर के भीतर किसी भी कार्यक्रम या पार्टी में शराब परोसने के लिए एक अलग पी-10 ई लाइसेंस की आवश्यकता होगी।
एल-17 रेस्टोरेंट में शराब को गिलास या पूरी बोतल के माध्यम से परोसा जाएगा और यह सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी लाइसेंसधारक की होगी कि कोई भी बोतल परिसर से बाहर न जाए। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन एल-17 रेस्टोरेंट में लाइव संगीत, पेशेवर प्रदर्शन, बैंड, डीजे, कराओके, गायन और नृत्य की अनुमति होगी।
उधर, 17 नवंबर से नई आबकारी नीति की वजह से शराब के ठेकों पर लंबी-लंबी कतारे लगने लगी है। साथ ही स्टॉक की भी कमी देखने को मिल रही है। शराब की बिक्री व कमी की मुख्य वजह यह भी बताई जा रही है कि 17 नवंबर के बाद शराब महंगी होगी। लिहाजा खरीदार भी शराब खरीदने में जुटे है तो वहीं सरकारी दुकानदार अपने-अपने स्टॉक को खत्म करने में।