निर्भया केस: फांसी से बचने के लिए दोषी मुकेश ने इस आखिरी विकल्प का किया प्रयोग, राष्ट्रपति के यहां से खारिज हो चुका है दया याचिका
निर्भया के दरिंदों ने फांसी से बचने के लिए जो नया-नया उपाय ढूंढकर अदालत का रुख कर रहे अब इसमें नया मोड़ आ गया है। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका ठुकराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह बात मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने बताई है। गौरतलब है कि मौत की सजा पाए दोषी के लिए बचने का यह अंतिम रास्ता होता है। जब राष्ट्रपति किसी की दया याचिका खारिज कर दे तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
यह चुनौती दोषी को दया याचिका खारिज होने के 14 दिन के अंदर करनी होती है। अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है तो फिर मुकेश के पास सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और नियत तारीख को उसे फांसी हो सकती है।
यह फांसी उसी हालत में रुकेगी जब अन्य तीन दोषियों का कोई केस लंबित हो और फांसी की तारीख तक उस पर फैसला न आ सके। तब फांसी की एक नई तारीख घोषित की जा सकती है। हालांकि अभी कुछ तय नहीं है और आने वाला वक्त ही बताएगा कि कोर्ट क्या फैसला लेता और 1 फरवरी को सुबह छह बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होगी या नहीं।