निर्भया केसः दोषियों ने खटखटाया इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा
नए डेथ वारंट के अनुसार निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा होनी है।
निर्भया गैंगरेप के तीन दोषियों ने फांसी की सजा से बचने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में तीन दोषियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका दाखिल करने वाले दोषियों में अक्षय, पवन और विनय ने यह याचिका दाखिल की है। आपको बात दें कि नए डेथ वारंट के अनुसार निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा होनी है।
इससे पहले सोमवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी करार मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. मुकेश ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि मुकेश की याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं है. बता दें कि वृंदा ग्रोवर ने शुरुआत में मुकेश के केस की पैरवी की थी. वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गई है.
इस मामले में एपी सिंह ने कहा कि इस केस मे पॉलिटिकल दवाब और मीडिया के चलते न्याय नहीं हो रहा है. कागज है कि लेकिन कोर्ट मान नहीं रहा है. इसमे मीडिया ट्रायल के चलते न्याय नहीं हो रहा है. जो लोग फांसी नहीं चाहते हैं, उन लोगों ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में अर्जी दी है. हमारी न्याय व्यवस्था दूरदर्शी रही है. हमको न्यायतंत्र पर भरोसा है. कोई ना कोई आएगा जो बाद मे इस केस की जांच कराएगा तो अभी इच्छा मृत्यु दे दीजिए, इसलिए महामहिम के यहां याचिका लगाई है.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप और हत्या की थी। इस मामले में एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं पीड़िता की कुछ दिनों बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।