भूगर्भशास्त्रियों ने बताया, दिल्ली-NCR में क्यों ज्यादा आता है भूकंप?
दिल्ली-NCR में फिलहाल किसी बड़े भूकंप के आने की आशंका नहीं है.
राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-National Capitol Region) में पिछले कुछ महीनों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. तमाम एक्सपर्ट ये आशंका जता रहे हैं कि इन छोटे भूकंपों या झटकों के बाद एक बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन आईआईटी भुवनेश्वर (IIT Bhurbaneswar) के भूगर्भशास्त्रियों ने इस बात से इनकार किया है. यानी उनके मुताबिक दिल्ली-NCR में फिलहाल किसी बड़े भूकंप के आने की आशंका नहीं है.
IIT भुवनेश्वर में स्कूल ऑफ अर्थ, ओशन एंड क्लाइमेट साइंसेज के असिसटेंट प्रोफेसर और जियोलॉजिस्ट डॉ. पी. भट्टाचार्य, असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. एसएच फारूख और पोस्ट ग्रैजुएट स्टूडेंट अधानिया एस. जेम्स ने मिलकर यह स्टडी की है.
डॉ. पी. भट्टाचार्य ने बताया कि दिल्ली-NCR में आ रहे भूकंप के झटके किसी एक स्थान पर हो रही भूगर्भीय गतिविधि नहीं है. बल्कि ये एक समय में हो रही गतिविधियां हैं. इन भूकंपों के जो हाइपोसेंटर यानी जमीन के अंदर जिस जगह से भूकंप की शुरुआत होती है, वह दिल्ली-NCR के आसपास मौजूद फॉल्ट्स से दूर हैं. कुछ ही हैं जो इन फॉल्ट्स के नजदीक महसूस किए गए.
डॉ. भट्टाचार्य ने बताया कि रोचक बात ये है कि जो भूकंप अभी दिल्ली-NCR में महसूस किए गए उनकी जमीन के अंदर गहराई में बहुत अंतर है. कुछ पांच किलोमीटर की गहराई पर आए तो कुछ 15 किलोमीटर की गहराई में. ये अंतर बहुत ज्यादा है.
डॉ. पी. भट्टाचार्य ने कहा कि अगर हम हाइपोसेंट्रल लोकेशन को सही मान भी लें तो भी यह बात साबित नहीं होती कि ये सारे भूकंप आपस में किसी भी तरह से जुड़े हैं. या आपस में इनका कोई संबंध है.
दिल्ली-NCR में जो भूकंप अभी आए हैं, उन्हें देखकर लगता है कि जमीन के नीचे कोई बड़ी ऐसी हलचल हुई है, जो भूकंपीय नहीं है. या फिर जमीन के नीचे दबाव का ट्रांसफर हो रहा है. यानी एक जगह से दूसरी जगह तक कोई फोर्स खिसक रहा है. इसकी वजह से सिस्मिक फॉल्ट्स और उसके आसपास भूकंप महसूस हो रहा है.
डॉ. पी. भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली-NCR में लगातार आ रहे छोटे भूकंप के झटकों की वजह से कोई बड़ा भूकंप आएगा, ये कहना पूरी तरह से ठीक नहीं है. इसकी बहुत ज्यादा आशंका नहीं है. हालांकि, हाल ही में दिल्ली-NCR में आए तीन भूकंप आपस में जुड़े हुए लगते हैं. जमीन के ऊपर हो सकता है कि इन फॉल्ट्स और भूकंपीय गतिविधियों का कोई कनेक्शन न हो. लेकिन जमीन के नीचे हो सकता है. ऐसा दिल्ली-NCR में आए तीन भूकंपों को देखकर लगता है. ये सभी भूकंप रिक्टर पैमाने पर तीन की तीव्रता से ऊपर के थे.
ये तीन भूकंप देहरादून-महेंद्रगढ़ फॉल्ट और मुरादाबाद फॉल्ट से संबंधित हैं. आईआईटी भुवनेश्वर की स्टूडेंट अधानिया एस. जेम्स ने डॉ. पी. भट्टाचार्य और डॉ. एसएच फारूख के गाइडेंस में यह एनालिसिस किया है.
देहरादून-महेंद्रगढ़ फॉल्ट पर 21 अप्रैल को 3.2 तीव्रता, 3 मई को 3 तीव्रता, 29 मई को 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था. वहीं, मोरादाबाद फॉ़ल्ट पर 3 जून को तीन तीव्रता का भूंकप आया था. इन भूकंपों की जमीन में गहराई 4 से 15 किलोमीटर थी.
अधानिया के विश्लेषण के अनुसार दिल्ली-NCR में रिक्टर पैमाने पर 3 की तीव्रता वाले भूकंप सालभर में 10 से 15 बार आते हैं. पिछली साल ये 26 बार आए थे. इस साल मार्च से जून के बीच इस तीव्रता के 8 भूकंप आए हैं. जो कि बहुत ज्यादा नहीं हैं.
डॉ. पी. भट्टाचार्य कहते हैं कि दिल्ली-NCR में कई बार भूकंप के झटके इस वजह से भी महसूस होते हैं क्योंकि इंडो-गैंगेटिक प्लेन्स में आने वाली जमीन के नीचे बड़े स्तर पर हाइड्रोलॉजिकल साइकिल में बदलाव होते हैं.
इतना ही नहीं, डॉ. भट्टाचार्य कहते हैं कि दिल्ली-NCR क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि मौसम पर भी निर्भर करती है. इस इलाके में गर्मियों में ज्यादा झटके महसूस होते हैं, जबकि सर्दी के मौसम में इतने झटके महसूस नहीं होते. इसलिए, दिल्ली-NCR के लोगों के डरने की जरूरत नहीं है. फिलहाल ऐसी कोई भूकंपीय गतिविधि नहीं दिख रही है, जो ये बताए कि बहुत बड़ा भूकंप आने वाला है. (फोटोः गेटी)