RBI MPC: करोड़ों ग्राहकों की हो गई है बल्ले बल्ले, आरबीआई ने दी लंबे समय बाद ऐसी खुशखबरी, खुशी से उछल पड़े लोग
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा.
Reserve Bank of India:
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.
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आरबीआई (RBI) ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है.
RBI Repo Rate: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि अमेरिका में बैंकों के विफल होने से वित्तीय संकट मुद्दा बना हुआ है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के नतीजे आज आ गए.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रही ब्याज दर पर लोगों को राहत दी है. आरबीआई (RBI) ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है.
रेपो रेट को पिछले स्तर पर ही बरकरार रखा.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने अहम सहमति से रेपो रेट पहले के जितना 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा हुआ है. अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने के लिए रेपो रेट को पिछले स्तर पर बरकरार रखना जरूरी था। उन्होंने कहा जरूरत पड़ने पर हम उसी के हिसाब से दूसरा कदम उठाएंगे। आरबीआई गवर्नर का बैंकिंग और एनबीएफसी प्रणाली मजबूत बनी हुई है।
आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान
आरबीआई की तरफ से 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. आरबीआई का कहना है कि अभी महंगाई की दर काफी ऊंची है। महंगाई दर में इजाफा करने से मई 2022 से शुरू हुआ ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला अब थम गया है। मई 2022 से केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है इस दौरान रेपो रेट 4% से बढ़कर 6 पॉइंट 5% हो गया है. फिलहाल यह 4 साल का सबसे उच्चतम स्तर पर चल रहा है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय बैंक को महंगाई के 6% से नीचे पहुंचने का इंतजार करना चाहिए।
आपको बता दें कि महंगाई अभी भी उच्च स्तर पर है जिसका असर आने वाले समय में निम्न आय वर्ग पर पड़ सकता है रिटेल महंगाई दर फरवरी में मामूली रूप से कम होकर 6.44 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पहले यह जनवरी में 6.52 प्रतिशत पर थी. रेपो रेट पिछले स्तर पर रहने से जिन ग्राहकों ने बैंकों से लोन लिया है। उनको फायदा होगा। किसी भी तरह के लोन पर फिलहाल बैंकों की तरफ से ब्याज दर बनने पर कोई उम्मीद नहीं है।अगर आरबीआई की तरफ से रेपो रेट बढ़ाया जाता तो इसका असर बैंकों की ब्याज दर पर पड़ना तय था. जिससे होम लोन का री-पेमेंट कर रहे ग्राहकों की किस्त बढ़ जाती.
शेयर बाजार में रिकवरी
शुरुआत में बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 165.16 अंक टूटकर 59,524.15 अंक पर खुला. इसी तरह निफ्टी 45.5 अंक के नुकसान के साथ 17,511.55 अंक पर खुला. विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे टूटकर 81.95 पर खुला. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 42 पैसे उछलकर 81.90 पर बंद हुआ था. दूसरी तरफ एमपीसी के नतीजों से पहले ब्याज दर बढ़ने की आशंका के चलते शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला था.